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चुनाव ड्यूटी में सपरिवार घूमे आइएएस अधिकारी राजीव रंजन, सामान खरीदा, पैसे नहीं दिये
शकील अख्तर रांची : आइएएस अधिकारी राजीव रंजन ने चुनाव पर्यवेक्षक के रूप में ड्यूटी के दौरान अपने क्षेत्र से बाहर जा कर परिवार के साथ घूमने का मजा लिया. अपने साथ प्रतिनियुक्त लाइजनिंग अफसरों से बाजार से सामान मंगवाया. लेकिन उसका भुगतान नहीं किया. चुनाव आयोग द्वारा राज्य सरकार के भेजे गये पत्र में […]
शकील अख्तर
रांची : आइएएस अधिकारी राजीव रंजन ने चुनाव पर्यवेक्षक के रूप में ड्यूटी के दौरान अपने क्षेत्र से बाहर जा कर परिवार के साथ घूमने का मजा लिया. अपने साथ प्रतिनियुक्त लाइजनिंग अफसरों से बाजार से सामान मंगवाया. लेकिन उसका भुगतान नहीं किया. चुनाव आयोग द्वारा राज्य सरकार के भेजे गये पत्र में इन तथ्यों का उल्लेख किया गया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य के मुख्य सचिव डॉक्टर डीके तिवारी ने कार्मिक विभाग को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
राज्य सरकार को लिखे पत्र में चुनाव आयोग ने कहा है कि आइएएस अधिकारी राजीव रंजन को लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान उत्तराखंड में सामान्य ऑबजर्वर बनाया गया था. उन्होंने 23 मई 2019 को चुनाव आयोग को मेल भेज कर चकराता के अनुमंडलाधिकारी के खिलाफ शिकायत की थी.
इसकी जांच उत्तराखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से करायी गयी. उन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट में आरोपों के निराधार और तथ्यहीन बताया है. चुनाव ड्यूटी के दौरान राजीव रंजन द्वारा अशोभनीय व्यवहार करने सहित अन्य प्रकार की गड़बड़ी करने का मामला आयोग के संज्ञान में आया है.
सामान्य पर्यवेक्षक के रूप में देहरादून में दिया था योगदान
राजीव रंजन ने 25 मार्च 2019 को टिहरी गढ़वाल संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में सामान्य पर्यवेक्षक के रूप में देहरादून जिले में योगदान दिया था. चुनाव के दौरान वह अधिकांश समय अपने लिए आवंटित विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों से बाहर अपने परिवार के साथ पर्यटक की तरह घूमते रहे. वह अपने परिवार के साथ हर्शिल, गंगोत्री, हरिद्वार,ऋषिकेश, मुनी की रेती, धनोल्टी, न्यू टिहरी जैसे स्थानों पर घूमने गये.
हालांकि, यह सभी क्षेत्र उनके लिए निर्धारित विधानसभा क्षेत्र से बाहर हैं. राजीव रंजन का व्यवहार अपने साथ तैनात लाइजनिंग अफसरों के साथ अशोभनीय रहा. उन्होंने लाइजनिंग ऑफिसर सुरेंद्र सिंह नेगी और प्रमोद नौटियाल से निजी आवश्यक्ताओं के अनुरूप बाजार से सामान खरीदवाया और भुगतान किये बिना ही चले गये.
मुख्य सचिव ने दिया कार्रवाई का निर्देश
जल्द से जल्द मतगणना खत्म करने का दबाव बनाते रहे
रिपोर्ट में कहा गया है कि पर्यवेक्षक के रूप में सौंपी गयी ड्यूटी के इतर अपनी व्यक्तिगत आकांक्षाओं पर केंद्रित रहे. सिर्फ इतना ही नहीं वह जल्द से जल्द मतगणना समाप्त करने के लिए दवाब बनाते रहे. सहायक रिटर्निंग ऑफिसर अपनी टीम के साथ 23 मई 2019 को मतगणना के लिए महाराणा प्रताप कॉलेज स्थित मतगणना केंद्र पर सुबह 5:20 बजे पहुंच गये थे.
आयोग के निर्देश के आलोक में सबसे पहले डाक से मिले वोटों की गिनती हुई. इसके बाद इवीएम के वोटों की गिनती हुई. इस दौरान राजीव रंजन ने मतगणना जल्दी समाप्त करने का निर्देश देते हुए यह कहा कि कर्मचारियों के हाथ में हर 10 मिनट में अगले राउंड की इवीएम होनी चाहिए.
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