नयी दिल्ली/रांची : केंद्र सरकार द्वारा चलायी जा रही बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना में पांच राज्यों दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है.
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को लैंगिक अनुपात की दिशा में बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्यों को सम्मानित किया. लैंगिक अनुपात की दिशा में बेहतर प्रदर्शन करने वाले 10 जिलों को भी सम्मानित किया गया. हालांकि इस सूची में बिहार और झारखंड का एक भी जिला शामिल नहीं है. राष्ट्रीय स्तर पर मौजूदा समय में प्रति हजार पुरुषों पर 940 लड़कियां है, जबकि बिहार में यह संख्या 918 है. लेकिन इस मामले में झारखंड राष्ट्रीय औसत से बेहतर है और यहां लैंगिक अनुपात 947 है.
यही नहीं बिहार, झारखंड, बंगाल समेत नौ राज्यों ने जन्म के समय लैंगिक अनुपात का डाटा केंद्र सरकार को मुहैया नहीं कराया है. इन राज्यों ने डाटा के कंप्यूटराइजेशन नहीं होने का हवाला दिया है. इन्हीं कारणों से बिहार और झारखंड के जिले बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के बेहतर क्रियान्वयन में पीछे हैं.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति इरानी ने कहा कि अगर सरकार और समाज मिलकर काम करे, तो किसी भी असंभव लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है. उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के कामेंग जिले का जिक्र करते हुए कहा कि वर्ष 2014 में इस जिले में जन्म के समय लैंगिक अनुपात 807 था, जो 2018-19 में बढ़ कर 1039 हो गया है. गौरतलब है कि 22 जनवरी 2015 को बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना शुरू की गयी थी. यह योजना देश के 640 जिलों में चल रही है, लेकिन 405 जिलों में विशेष अभियान चलाया जा रहा है और इन जिलों में योजना का सारा खर्च केंद्र सरकार वहन करती है. इस योजना के शुरू होने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर लैंगिक अनुपात में सुधार दर्ज किया गया है.