जमशेदपुर/रांची : झारखंड को बचाना है, तो आदिवासी-मूलवासी के हित में काम करनेवाले सभी राजनैतिक संगठनों को एकजुट होना होगा. एकजुटता से ही भाजपा को परास्त किया जा सकता है. झारखंड राज्य का गठन जल, जंगल व जमीन को सुरक्षित रखने के मकसद से किया गया था, लेकिन भाजपा इसे साजिश के तहत खत्म करना चाहती है, ताकि आदिवासी-मूलवासियों का अस्तित्व मिट जाये. सोमवार को झारखंड पीपुल्स पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सूर्य सिंह बेसरा ने निर्मल गेस्ट हाउस में प्रेसवार्ता में यह बात कही.
उन्होंने कहा कि 12 अगस्त 1991 को झारखंडियों के अस्तित्व व पहचान को बनाये रखने के लिए उन्होंने बिहार विधानसभा से इस्तीफा दिया था, लेकिन बिकाऊ सांसदों व विधायकों ने आदिवासी-मूलवासियों के सपनों को तोड़ दिया.इसलिए गिले-शिकवे भूलकर भाजपा विरोधी संगठनों को एक मंच पर आने की जरूरत है.
झारखंड पीपुल्स पार्टी ने इस दिशा में पहल शुरू कर दी है. झामुमो, बसपा, टीएमसी, कांग्रेस समेत अन्य पार्टियों से संपर्क कर एक बड़ा प्लेटफॉर्म तैयार किया जायेगा. इस क्रम 19 अगस्त को विभिन्न राजनीतिक संगठनों की बैठक रांची में बुलायी गयी है. मौके पर प्रधान महासचिव दिल बहादुर, जिला अध्यक्ष कृतिवास मंडल, राजू बेसरा, अनूप बेहरा समेत अन्य मौजूद थे.
बैलेट पेपर से हो चुनाव
श्री बेसरा ने कहा कि इवीएम पर किसी भी पार्टी को भरोसा नहीं है. इवीएम एक मशीन है, इसमें छेड़छाड़ संभव है. चुनाव निष्पक्ष होना चाहिए. इसलिए जल्द ही विभिन्न पार्टियों का प्रतिनिधिमंडल दिल्ली जाकर मुख्य चुनाव आयुक्त से इवीएम हटाकर बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग करेगा.
श्री बेसरा ने कहा कि श्रीराम के नाम पर पूजा करो, श्रीराम के नाम पर हवन करो, लेकिन श्रीराम के नाम पर राजनीति करना उचित नहीं है. श्रीराम सबके लिए श्रद्धेय हैं. वे आस्था के प्रतीक हैं. जय श्रीराम बोलकर उनके नाम को बदनाम करना व आपस में लड़ना जायज नहीं है.