रांची : रा ज्य के विश्वविद्यालय और कॉलेजों में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) में शिक्षक व विद्यार्थी दोनों दबाव में हैं. ऑनलाइन तथा ऑफलाइन नामांकन प्रक्रिया ने पढ़ाई की अवधि कम कर दी है. विवि में च्वाइस बेस्ड के बदले केवल क्रेडिट सिस्टम सेमेस्टर प्रणाली लागू है.
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रांची : विवि उच्च शिक्षा में डिग्री तो दे रहा है, पर गुणवत्ता नहीं
रांची : रा ज्य के विश्वविद्यालय और कॉलेजों में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) में शिक्षक व विद्यार्थी दोनों दबाव में हैं. ऑनलाइन तथा ऑफलाइन नामांकन प्रक्रिया ने पढ़ाई की अवधि कम कर दी है. विवि में च्वाइस बेस्ड के बदले केवल क्रेडिट सिस्टम सेमेस्टर प्रणाली लागू है. विद्यार्थी दो-दो आंतरिक परीक्षा, डिस्ट्रेशन तथा अंतिम […]
विद्यार्थी दो-दो आंतरिक परीक्षा, डिस्ट्रेशन तथा अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा का बोझ संभाल पाने की स्थिति में नहीं हैं. 40 से 50 दिन की पढ़ाई में विद्यार्थियों पर पाठ्यक्रम पूरा करने का दबाव रहता है. इस कारण बड़ी संख्या में विद्यार्थी फेल हो रहे हैं.
जिससे विवि पुनर्मूल्यांकन और पुनर्परीक्षा के लिए विवश हो जाता है. ऐसे में विद्यार्थियों को डिग्री तो मिल जा रही है, लेकिन उच्च शिक्षा में गुणवत्ता का स्तर घट रहा है. विवि में शिक्षकों पर कार्य बोझ भी काफी बढ़ गया है. विवि व कॉलेजों में सृजित पद के आधे शिक्षक वर्तमान में कार्यरत हैं. जो शिक्षक हैं, वे शिक्षण, परीक्षा, मूल्यांकन तथा टेबुलेशन का काम संभाल रहे हैं. सरकार राज्य में नये कॉलेज खोल रही है, जबकि पुराने कॉलेज संभल नहीं रहे हैं.
यह एक बड़ी समस्या है. कॉलेज में शौचालय, पेयजल, कैंटीन, प्रयोगशाला और पुस्तकालय की समुचित व्यवस्था नहीं है. विद्यार्थी पत्र-पत्रिकाएं, समाचार पत्र और जर्नल्स से वंचित हैं. राजधानी के कुछ कॉलेजों में नामांकित विद्यार्थियों की संख्या दस हजार से अधिक है, पर वहां आधे विद्यार्थियों के भी बैठने की व्यवस्था नहीं है. विवि में स्वच्छता अभियान पूरी तरह फेल है.
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