11.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

एसटी महिला से शादी करनेवाले गैर आदिवासी या उनके बच्चों को नहीं मिलेगा जमीन पर अधिकार

विवेक चंद्र रांची : झारखंड में आदिवासी महिला से शादी करनेवाले गैर आदिवासी को उस महिला के नाम पर मौजूद किसी भी जमीन का मालिकाना नहीं मिलेगा. ऐसे दंपती के बच्चों का भी मां की जमीन पर अधिकार नहीं होगा. आदिवासी महिला जमीन का हस्तांतरण किसी को नहीं कर सकेगी और जीवनकाल तक जमीन का […]

विवेक चंद्र
रांची : झारखंड में आदिवासी महिला से शादी करनेवाले गैर आदिवासी को उस महिला के नाम पर मौजूद किसी भी जमीन का मालिकाना नहीं मिलेगा. ऐसे दंपती के बच्चों का भी मां की जमीन पर अधिकार नहीं होगा. आदिवासी महिला जमीन का हस्तांतरण किसी को नहीं कर सकेगी और जीवनकाल तक जमीन का मालिकाना हक रखेगी.
महिला के नहीं रहने की स्थिति में जमीन पर उस आदिवासी परिवार का दावा होगा, जिससे जमीन खरीदी गयी थी. झारखंड कैबिनेट ने दिसंबर 2018 में आदिवासियों की जमीन सुरक्षित करने के उद्देश्य से ओड़िशा में लागू रेगुलेशन को मंजूरी दी थी. इसमें राज्य में गैर आदिवासी से शादी करनेवाली आदिवासी महिला को किसी आदिवासी की जमीन नहीं खरीदने का प्रावधान किया गया था. सरकार ने रेगुलेशन लागू करने के लिए राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति की सहमति मांगी थी. इस पर राष्ट्रपति ने सरकार से स्पष्टीकरण मांगा था.
दो बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी राष्ट्रपति ने : राष्ट्रपति भवन ने रेगुलेशन को लौटाते हुए दो बिंदुओं पर राज्य सरकार से जानकारी मांगी थी. पहले में पूछा गया था कि यह रेगुलेशन क्यों लागू किया जाना चाहिए. यह भी पूछा था कि गैर आदिवासी से शादी करने वाली महिलाओं के स्वामित्व वाली जमीन का क्या होगा.
राज्य सरकार ने महाधिवक्ता की सलाह से अपना जवाब तैयार कर लिया है. कैबिनेट की सहमति के बाद राष्ट्रपति को जवाब भेजा जायेगा.
सरकार ने जो जवाब किया है तैयार
राष्ट्रपति भवन के सवाल पर राज्य सरकार ने जवाब में दिया है कि आदिवासियों की जमीन सुरक्षित रखने के उद्देश्य से 2002 में ओड़िशा सरकार ने रेगुलेशन लागू किया था. उसी तर्ज पर झारखंड में भी रेगुलेशन बनाया गया है. इसका उल्लंघन कर जमीन खरीदने पर कानूनी प्रक्रिया पूरी कर संबंधित जमीन वास्तविक मालिक को वापस कर दी जायेगी. जमीन वापसी की प्रक्रिया सीएनटी एक्ट की धारा 71 और एसपीटी एक्ट की धारा 20 में निहित प्रावधानों के तहत पूरी की जायेगी.
दूसरे बिंदू पर कहा गया है कि वर्तमान में गैर आदिवासी से विवाह करने वाली एसटी महिलाओं के नाम से जो भी जमीन है, उसका अधिकार महिला के पति या बच्चों को नहीं मिलेगा. उसका हस्तांतरण भी नहीं किया जा सकेगा. महिला अपने जीवनकाल में जमीन का उपयोग कर सकेगी. लेकिन, उसके बाद जमीन उस आदिवासी परिवार को वापस करना होगा, जिससे जमीन खरीदी गयी थी. पूर्व मालिक के अनुपलब्ध होने पर जमीन पर राज्य सरकार का अधिकार होगा.
कैबिनेट की सहमति के लिए भेजी गयी फाइल
ओड़िशा की तर्ज पर बना है रेगुलेशन
ओड़िशा सरकार ने शिड्यूल एरिया में जमीन हस्तांतरण से संबंधित रेगुलेशन 1956 में संशोधन कर दि ओड़िशा शिड्यूल एरिया ट्रांसफर ऑफ इमुवेबल प्रोपर्टी (बाइ शिड्यूल ट्राइब) एमेंडमेंट रेगुलेशन, 2000 लागू किया है. झारखंड सरकार ने भी इसी तर्ज पर अध्यादेश बनाया है.
गैर आदिवासी से शादी करने वाली एसटी महिला के सहारे जमीन की खरीद-बिक्री रोकने के लिए तैयार अध्यादेश पर राष्ट्रपति भवन ने कुछ बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी. सरकार ने जवाब तैयार कर लिया है. प्रक्रिया पूरी की जा रही है.
सुनील वर्णवाल, सीएम के प्रधान सचिव
झारखंड सरकार का रेगुलेशन
गैर आदिवासी से शादी करनेवाली एसटी महिलाएं किसी आदिवासी की जमीन की खरीद-बिक्री नहीं कर सकेंगी. हालांकि वह आरक्षण का लाभ ले सकेंगी.
ऐसी महिलाओं के जाति प्रमाण पत्र में पति का नाम लिखा जायेगा, ताकि पता चल सके कि उसने गैर आदिवासी से शादी की है.
अनुसूचित जनजाति की महिला के नाम पर जमीन खरीदने के लिए किसी गैर अनुसूचित जाति के व्यक्ति द्वारा धन दिये जाने को वैध नहीं माना जायेगा.
Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel