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सुदर्शन, पीएन व निशिकांत ने सीट बचा कर लगा दी हैट्रिक

रांची : भाजपा प्रत्याशी सुदर्शन भगत, पीएन सिंह व निशिकांत दुबे तीसरी बार अपनी सीट बचाने में सफल रहे. तीनों उम्मीदवारों ने हैट्रिक लगायी है. इन्होंने लोकसभा चुनाव 2009 व 2014 में भाजपा के टिकट से जीत हासिल की थी. उन्होंने इस बार भी जीत को बरकरार रखा है. भाजपा प्रत्याशी व केंद्र में मंत्री […]

रांची : भाजपा प्रत्याशी सुदर्शन भगत, पीएन सिंह व निशिकांत दुबे तीसरी बार अपनी सीट बचाने में सफल रहे. तीनों उम्मीदवारों ने हैट्रिक लगायी है. इन्होंने लोकसभा चुनाव 2009 व 2014 में भाजपा के टिकट से जीत हासिल की थी. उन्होंने इस बार भी जीत को बरकरार रखा है.
भाजपा प्रत्याशी व केंद्र में मंत्री रहे सुदर्शन भगत ने लोहरदगा, पीएन सिंह धनबाद व निशिकांत दुबे गोड्डा से अपनी सीट को बचाये रखने में सफल रहे. सुदर्शन भगत कांग्रेस प्रत्याशी सुखदेव भगत के साथ कांटे की टक्कर में भी अपनी सीट को सुरक्षित रखा.
लगातार दूसरी बार जीते ये उम्मीदवार : वहीं सुनील कुमार सिंह, जयंत सिन्हा, विद्युत वरण महतो व बीडी राम ने दूसरी बार अपनी जीत बरकरार रखी. ये सारे उम्मीदवार भाजपा के टिकट से वर्ष 2014 में भी चुनाव जीते थे. सारे उम्मीदवारों को पार्टी ने फिर से मैदान में उतारा था. पिछली बार सुनील कुमार सिंह चतरा, जयंत सिन्हा हजारीबाग, विद्युत वरण महतो जमशेदपुर व बीडी राम ने पलामू से चुनाव लड़ा था.
इस बार इन सारे उम्मीदवारों को भाजपा ने उसी सीट के लिए टिकट दिया और वे चुनाव जीते. चारों उम्मीदवारों ने अपने प्रतिद्वंदी से आसान जीत हासिल की. राजमहल से झामुमो उम्मीदवार विजय हांसदा ने भी दूसरी बार जीत हासिल की है. उन्होंने भाजपा के प्रत्याशी हेमलाल मुर्मू को हराया है.
पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को खूंटी संसदीय सीट से टिकट दिया गया था. 2009 में उन्होंने जमशेदपुर सीट से जीत हासिल की थी, लेकिन इसके बाद मुख्यमंत्री बने. 10 साल बाद उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ा और खूंटी सीट हासिल की. उन्होंने भी अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस के उम्मीदवार कालीचरण मुंडा से कांटे की टक्कर में जीत हासिल की है.
पहली बार जीत कर संसद पहुंचे: भाजपा ने कुछ प्रत्याशियों को पहली बार टिकट दिया था. उसमें संजय सेठ को रांची व अन्नपूर्णा देवी को कोडरमा से टिकट दिया था. दोनों ने बड़े वोट के अंतर से शानदार जीत हासिल की है. वहीं कांग्रेस की गीता कोड़ा चाईबासा से पहली बार चुनाव लड़ीं.
उन्होंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व निवर्तमान सांसद लक्ष्मण गिलुवा को हराया. भाजपा ने सुनील सोरेन को दुमका से टिकट दिया था. वह झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन को हरा कर दुमका के सांसद बने हैं. वहीं एनडीए प्रत्याशी चंद्रप्रकाश चौधरी (आजसू) भी पहली बार गिरिडीह से चुनाव जीत कर संसद पहुंचे हैं.
आठ बार जीतने के बाद हार गये शिबू सोरेन : झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन अाठ बार लोकसभा चुनाव जीतने के बाद नौवीं बार सांसद बनने से चूक गये. अगर इस बार वह चुनाव जीत जाते, तो नौवीं बार सांसद बनने का रिकॉर्ड बनाते. अब तक झारखंड से केवल शिबू सोरेन व कड़िया मुंडा ही आठ बार सांसद बने थे.
कड़िया मुंडा चुनाव नहीं लड़ रहे थे, इसलिए केवल शिबू सोरेन के पास नौवीं बार चुनाव जीतने का मौका था. श्री सोरेन सबसे पहले 1980 में लोकसभा चुनाव जीते थे. इसके बाद उन्होंने 1989, 1991, 1996, 2002, 2004, 2009 व 2014 में लोकसभा का चुनाव जीता. 2002 में दुमका से उप चुनाव जीत कर वह सांसद बने थे.

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