रांची : झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के सदस्य सचिव राजीव लोचन बक्शी ने हिंडाल्को के एमडी और मुरी स्थित फैक्ट्री के पांच अन्य अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. एमडी को भेजे नोटिस में कहा गया है कि उन्होंने पर्यावरण स्वीकृति के लिए निर्धारित शर्तों का उल्लंघन किया है.
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मुरी में कास्टिक तालाब हादसा मामला : हिंडाल्को के एमडी समेत छह अफसरों काे नोटिस
रांची : झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के सदस्य सचिव राजीव लोचन बक्शी ने हिंडाल्को के एमडी और मुरी स्थित फैक्ट्री के पांच अन्य अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. एमडी को भेजे नोटिस में कहा गया है कि उन्होंने पर्यावरण स्वीकृति के लिए निर्धारित शर्तों का उल्लंघन किया है. इसलिए क्यों नहीं […]
इसलिए क्यों नहीं उनपर इनवायरमेंट कंपनसेशन लगाया जाये. सदस्य सचिव ने तालाब के गैबियन वाल के टूटने के मामले में 15 दिनों के अंदर तकनीकी पहलुओं पर एमडी का पक्ष जानना चाहा है. साथ ही संतोषप्रद जवाब न मिलने की स्थिति में कार्रवाई करने की बात कही है.
नोटिस में कहा गया है कि भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने कंपनी के मुरी स्थित कारखाने के विस्तार और मड पौंड के गैबियन वाल के निर्माण के लिए पर्यावरण स्वीकृति दी थी. इसी के अनुरूप राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी सशर्त कंसेंट टू अॉपरेट (सीटीओ) जारी किया था.
बोर्ड को ऐसा प्रतीत होता है कि मड पौंड का गैबियन वाल निर्धारित डिजाइन के अनुरूप नहीं बना. इस वजह से करीब 600 मीटर गैबियन वाल टूट गया. इससे न सिर्फ आसपास की खेती योग्य जमीन में जल प्रदूषित हुआ, साथ ही वायु प्रदूषण भी हुआ.
कंपनी ने वाटर (प्रीवेंशन एंड कंट्रोल अॉफ पोल्यूशन) एक्ट 1974, सीटीओ की धारा 24,25 के साथ ही एयर (प्रीवेंशन एंड कंट्रोल अॉफ पोल्यूशन) एक्ट 1981 की धारा 21, 22 का उल्लंघन किया है.
हिंडाल्को के छह अधिकारियों को शो कॉज
झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के सदस्य सचिव ने हिंडाल्को के एमडी समेत छह अधिकारियों को शो कॉज नोटिस जारी किया है. इनमें कंपनी के यूनिट हेड नित्यानंद राय, एवीपी (इनवायरमेंट सेल) के वेंकटेश, एजीएम सौभाग्य कुमार त्रिपाठी, जीएम (प्रोजेक्ट) प्रमोद टिबड़ेवाल और हेड कॉरपोरेट अफेयर्स संजय श्रीवास्तव शामिल हैं.
इन्हें भी वही बातें लिखी गयी हैं, जो एमडी को भेजे गये नोटिस में लिखा गया है. इन अधिकारियों से सात दिनों के अंदर जवाब मांगा गया है कि गैबियन वाल टूटने का तकनीकी कारण क्या है. संतोषजनक जवाब न देने की स्थिति में इनके खिलाफ कार्रवाई की बात कही गयी है.
फैक्ट फाइंडिंग कमेटी गठित
प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने 12 अप्रैल को कार्यालय आदेश जारी कर हिंडाल्को हादसे की जांच के लिए फैक्ट फाइडिंग कमेटी गठित की है. कमेटी में रांची के डीएफओ सबा आलम, मेकन के जीएम स्तर के प्रतिनिधि, सीएमपीडीआइ के जीएम स्तर के प्रतिनिधि सदस्य होंगे, जबकि प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के क्षेत्रीय पदाधिकारी संयोजक बनाये गये हैं. यह कमेटी एक माह में रिपोर्ट देगी.
यह जांच करेगी कमेटी
गैबियन वाल की मजबूती डिजाइन के अनुरूप थी या नहीं. पर्यावरण स्वीकृति और सीसी व सीटीओ के अनुरूप रेड मड का डिस्पोजल किया जा रहा था या नहीं. डिस्पोजिंग के दौरान रेड मड मोइस्चर कंटेट था या नहीं. रेड मड पौंड टूटने का कारण क्या है और इसके टूटने से पर्यावरण को कितनी क्षति पहुंची है. कमेटी को एक्सपर्ट मेंबर रखने का अधिकार भी दिया गया है. कमेटी को मानदेय देने की बात भी कही गयी है.
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