रांची : वित्तीय वर्ष 2018-19 में मनरेगा के तहत प्रशासनिक में अनुमान से काफी अधिक पैसे खर्च कर दिये गये हैं. जानकारी के मुताबिक लेबर और मेटेरियल मद में होनेवाले खर्च का छह फीसदी राशि ही प्रशासनिक मद में खर्च करना है.
इस पैसे से मानदेय का भुगतान व अन्य ऑफिस खर्च करना है, लेकिन यहां कई जगहों पर अत्यधिक राशि खर्च कर दी गयी है. यहां तक कि खर्च का प्रतिशत 39 फीसदी भी पहुंच गया है. इस बात की जानकारी मिलने के बाद ग्रामीण विकास विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लिया है. विभाग का कहना है कि यह चिंता का विषय है.
विभागीय अधिकारी का कहना है कि यह जानने का प्रयास किया जा रहा है कि आखिर प्रखंडों में इतनी राशि कहां और कैसे खर्च कर दी गयी है. विभाग ने अनुमान्य से ज्यादा खर्च करने के मामले में जांच करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही विभाग ने यह भी निर्देश दिया है कि प्रखंडों के खाते में उपलब्ध राशि का व्यय केवल मनरेगाकर्मियों के मानदेय में ही किया जायेगा.
शेष राशि खर्च करने के लिए विभाग से अनुमति लेनी होगी.
इसके साथ ही 20 प्रखंडों की सूची तैयार की गयी है, जहां अत्यधिक राशि खर्च हुई है.
इन प्रखंडों में अनुमान्य छह फीसदी से अधिक खर्च किये गये
कहां कितना खर्च हुआ
प्रखंड खर्च
खूंटपानी (प सिंहभूम) 39.8
एगारकुंड (धनबाद) 28.5
तांतनगर (प सिंहभूम) 25.6
टोंटो (प सिंहभूम) 24.5
जगन्नाथपुर (प सिंहभूम) 20.6
गुडरी (प सिंहभूम) 16.1
बेरमो (बोकारो) 15.6
चक्रधरपुर (प सिंहभूम) 15.4
तमाड़ (रांची) 15
सतबरवा (पलामू) 13.7
चाईबासा (प सिंहभूम) 13.4
मंझारी (प सिंहभूम) 12.2
बरहेट (साहेबगंज) 12.1
विशुनपुरा (गढ़वा) 11.9
डालटनगंज (पलामू) 11.8
बुंडू (रांची) 11.3
बरही (हजारीबाग) 11.2
नगड़ी (रांची ) 11.1