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मोरहाबादी मैदान में खादी एवं सरस महोत्सव का हुआ आगाज, जानिए मेले में क्या है खास
रांची : झारखंड राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के तत्वावधान में गुरुवार को मोरहाबादी मैदान में खादी एवं सरस महोत्सव का शुभारंभ हुआ. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि खादी के जरिये ही स्वावलंबी देश अौर राज्य का निर्माण हो सकता है. राज्य की जनता को चाहिए कि वे खादी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल […]
रांची : झारखंड राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के तत्वावधान में गुरुवार को मोरहाबादी मैदान में खादी एवं सरस महोत्सव का शुभारंभ हुआ. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि खादी के जरिये ही स्वावलंबी देश अौर राज्य का निर्माण हो सकता है.
राज्य की जनता को चाहिए कि वे खादी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें. खादी के कपड़े, चादरें, पर्दा का जितना इस्तेमाल होगा, ग्रामीण जनता, बुनकरों, हस्तकरघा अौर कुटीर उद्योग का उतना ही विकास होगा. आज खादी फैशन में है.
देश-विदेश में लोग मोदी जैकेट को पसंद कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने की बात कही है. इसके तहत हम गांव-गांव में बिजली पहुंचा रहे हैं. राज्य के 68 लाख घरों में 67 लाख घरों में बिजली पहुंच गयी है. शेष एक लाख घरों तक इस वर्ष 31 दिसंबर तक हम बिजली पहुंचा देंगे.
खादी सिर्फ वस्त्र नहीं बल्कि विचार है
केंद्रीय राज्य मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि आजादी के बाद कांग्रेस ने महात्मा गांधी के नाम का सिर्फ राजनीतिक लाभ लिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि खादी सिर्फ वस्त्र नहीं बल्कि विचार है.
प्रधानमंत्री के आह्वान पर 30 हजार करोड़ की विलेज इंडस्ट्री चार वर्षों में 65 हजार करोड़ की हो गयी है. प्रधानमंत्री ने गोवा के ब्रिक्स सम्मेलन में दुनिया के राजनेताअों को मोदी जैकेट पहनाकर बताया कि खादी सिर्फ आजादी की लड़ाई का माध्यम नहीं बल्कि आर्थिक आजादी का भी माध्यम है.
इससे पूर्व नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि इस वर्ष मेला को भव्य रूप देने का प्रयास किया गया है. महात्मा गांधी की कल्पना थी कि हम खादी को कुटीर उद्योग के रूप में अपनायेंगे. ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि खादी पूरे देश अौर समाज को जोड़ने का माध्यम है. खादी बोर्ड के अध्यक्ष संजय सेठ ने कहा कि मेले में 20 राज्यों के 1100 आर्टिजन (कारीगर) आ रहे हैं. पूरा मेला डिजिटल है. साथ ही वाई-फाई की सुविधा भी दी गयी है.
सांस्कृतिक कार्यक्रम में केडिया बंधु की जुगलबंदी
खादी मेला के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शृंखला में छूमकी राय ने मशहूर भजन ‘वैष्णव जन तो तेने कहिए…पीर पराई जाने रे’ प्रस्तुत किया.
मुख्य मंच से केडिया बंधु ने सितार और सरोद पर बेहतरीन जुगलबंदी प्रस्तुत की. अमरेश राज ने गायन और नाजिया ताज ने नागपुरी गीत पर लोकनृत्य से समा बांध दिया. संजीव परिहस्त ने शिव तांडव पर खूब तारीफ बटोरी. असम से आयी रिमझिम गोगई ने बिहू नृत्य की प्रस्तुति दी.
ई-रिक्शा से करें मेले का भ्रमण, वह भी नि:शुल्क
खादी मेला में छह इ-रिक्शा की सुविधा है. इनकी मदद से आप पूरा मेला घूम सकते हैं. यह सुविधा विशेष रूप से बुजुर्गों के लिए है, जो नि:शुल्क है. अन्य आकर्षण के केंद्रों में मुख्य मंच में सजा डाक टिकटों का संग्रह है.
इसे पूर्व राज्यसभा सांसद अजय मारू ने लगाया है. मुख्य मंच के दोनों ओर लगायी गयी इस प्रदर्शनी में आप डाक टिकटों के विकास की यात्रा के बारे जा सकते हैं. ये सभी टिकट स्वतंत्र भारत के हैं. इसमें भारत की सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक विरासत के साथ-साथ देश को दशा व दिशा प्रदान करने वाले व्यक्तित्व के बारे जानकारी मिल रही है.
छह लाख स्क्वाॅयर फीट में फैला है खादी मेला
मेले में प्रवेश करते ही बायीं ओर आपको झारखंड रेशम विकास संस्थान, हेहल का स्टॉल दिखेगा. इस स्टॉल पर आप कोकून से रेशम के धागे तैयार करने की प्रक्रिया को लाइव देख सकते हैं.
इसके अतिरिक्त वहीं पर आप हथकरघा से कपड़ों की बुनाई की प्रक्रिया को भी जान सकते हैं. समझ सकते हैं. जेएसएलपीएस के स्टॉल्स में लघु उद्योगों के विकास की यात्रा को समझ सकते हैं. मेले का मुख्य आकर्षण हस्तशिल्पियों, कारीगरों व प्रशिक्षणार्थियों द्वारा डोकरा, टेराकोटा, लाह की चूड़ी, सोहराई पेंटिंग, कंबल बुनाई आदि है.
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