रांची : विश्वभर में अंतरराष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार दिवस 18 दिसंबर को मनाया जाता है. यह दिवस प्रति वर्ष 18 दिसंबर 1992 से सयुंक्त राष्ट्र संघ द्वारा अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों की रक्षा, राष्ट्र निर्माण में योगदान के रूप में चिह्न्ति कर अल्पसंख्यकों के क्षेत्र विशेष में ही उनकी भाषा, जाति, धर्म, संस्कृति, परंपरा आदि की सुरक्षा को सुनिश्चित करने हेतु मनाया जाता है. इस अवसर पर युनाईटेड मिल्ली फोरम (यूएमएफ) झारखण्ड के जेनरल सेक्रेटरी अफजल अनीस ने कहा कि आज अंतराष्ट्रीय अल्पसंख्यक दिवस है. आज के दिन सरकारी या गैर सरकारी और गैर सरकारी कार्यक्रमों में अल्पसंख्यकों के अधिकार पर चर्चा होगी. पिछले दो तीन सालों से यह दिवस कुछ ज्यादा ही मनाया जा रहा है. इसके बाद भी अल्पसंख्यक समुदाय अपने अधिकार से वंचित हो जाते हैं एक तो जानकारी की कमी दूसरा सामूहिक नेतृत्व की कमी.
उन्होंने कहा कि अब अल्पसंख्यक छात्रवृति योजना जो अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा चलाया जाता है उसी को देख लें. इस वर्ष झारखण्ड में प्री-मैट्रिक के लिए लगभग 80925 छात्रों के लिए कोटा निर्धारित किया गया था जिसमें झारखण्ड के सभी जिले से लगभग 139000 छात्र/छात्राओं ने ऑनलाइन आवेदन दिया.
अफजल ने कहा कि छात्रों के आवेदन को विधालय द्वारा ऑनलाइन सत्यापित किया जाना है परन्तु जानकारी के अभाव में या दुर्भावना से ग्रस्त होकर कई विधालयों ने छात्रों के आवेदन को सत्यापित नहीं किया जिसके कारण लगभग 75432 छात्र आवेदन भरने के बाद भी छात्रवृति पाने से वंचित रह जाएंगे. दूसरी तरफ छात्रों के आवेदन को विधालय/महाविधालय/इंस्टीट्यूट के दुवारा सत्यापित करने के बाद जिला के नोडल पदाधिकारी को सत्यापित करना होता है परन्तु बोकारो जिला के नोडल पदाधिकारी व चतरा जिला के नोडल पदाधिकारी ने एक भी छात्रों के आवेदन को सत्यापित नहीं किया जिसके कारण बोकारो जिला में फ्रेस के लिये आवेदन किये गये 4571 रेनुवल 2283, पोस्ट-मैट्रिक में फ्रेस-2283, रेनुवल-1226 व मेरिट-कम-मिन्स में फ्रेस-690, रेनुवल में-136 कुल मिलाकर 9594 छात्रों का आवेदन ऑनलाईन सत्यापित नहीं किया गया. वहीं चतरा जिला में प्री-मैट्रिक में फ्रेस-1783, रेणुवल-419, पोस्ट-मैट्रिक में-650 व मेरिट-कम-मिन्स में 206 कुल मिलाकर 3050 छात्र/छात्राओं का आवेदन सत्यापित नहीं किया गया.
आगे उन्होंने कहा कि जिन छात्रों ने आवेदन किया है वह आस लगाए बैठे रहेंगे पर अफसोस कि उसे उसका जो अधिकार है छात्रवृति पाने का वह इससे वंचित रह जाएंगे और इसका सारा का सारा कुसूरवार जिला नोडल पदाधिकारी है. हमारा संगठन युनाईटेड मिल्ली फोरम इस मामले में कानूनी सहायता लेने का प्रयास कर रहा है सलाह के बाद न्यायालय में केस किया जाएगा. मैं अपने संगठन की ओर से राज्य सरकार से यह मांग करता हूं कि वह अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय से नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल को कुछ दिनों के लिये खुलवाकर सभी छात्रों के आवेदन को सत्यापित कराने में मदद करें विशेषकर बोकारो और चतरा जिला के नोडल पदाधिकारी के द्वारा छात्रों के आवेदन को सत्यापित कराए. साथ ही अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय भारत सरकार से भी यह मांग करता हूं कि जिला नोडल पदाधिकारी को एक सप्ताह का समय देकर सारे छात्रों के आवेदन का सत्यापन कराने की कृपा करें ताकि गरीब व निर्धन परिवार के बच्चे को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में मदद मिल सके.