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रांची : सूबे में रोजगार की नहीं, गुणवत्तापूर्ण मानव संसाधन की कमी : रघुवर दास
जैप-आइटी के वेंडरों द्वारा चयनित अभ्यर्थियों के बीच सीएम ने वितरित किया चयन पत्र रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि व्यक्ति के समुचित विकास के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा जरूरी है. आज के तकनीकी युग में केवल शिक्षित होने से काम नहीं चलेगा. वर्तमान समय में रोजगार की नहीं, गुणवत्तापूर्ण मानव संसाधन की कमी […]
जैप-आइटी के वेंडरों द्वारा चयनित अभ्यर्थियों के बीच सीएम ने वितरित किया चयन पत्र
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि व्यक्ति के समुचित विकास के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा जरूरी है. आज के तकनीकी युग में केवल शिक्षित होने से काम नहीं चलेगा. वर्तमान समय में रोजगार की नहीं, गुणवत्तापूर्ण मानव संसाधन की कमी है.
सरकार की अोर से शिक्षकों के तीन हजार पदों पर बहाली के लिए आवेदन निकाला गया, लेकिन 1500 ही योग्य उम्मीदवार मिले. इसी प्रकार शिक्षकों के 18,000 पदों पर बहाली में सिर्फ 10,000 ही योग्य उम्मीदवार मिल रहे हैं. ऐसे में राज्य के शिक्षण संस्थानों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है. अब डिग्री आधारित नहीं, ज्ञान आधारित शिक्षा की मांग है.
श्री दास बुधवार को प्रोजेक्ट भवन में जैप-आइटी के वेंडरों द्वारा चयनित अभ्यर्थियों को चयन पत्र वितरण कार्यक्रम में बोल रहे थे. 50 नव चयनित अभ्यर्थियों को दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
वही देश व राज्य आगे बढ़ेगा, जिसके पास ज्ञान व विशिष्टताओं का भंडार होगा : मुख्यमंत्री ने कहा कि वही समाज, राज्य और देश आगे बढ़ेगा, जिसके पास ज्ञान और अपनी विशिष्टताओं का भंडार होगा. झारखंड सरकार इस ओर विशेष ध्यान दे रही है. राज्य सरकार नीति आयोग के साथ समन्वय स्थापित कर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा दे रही है. चयनित अभ्यर्थी राज्य में स्कूली शिक्षा के प्रबंधन, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की स्थिति और इसमें सुधार आदि के प्रति सरकार को रिपोर्ट देंगे.
उन्होंने कहा कि सरकार मानसिक विकास के लिए उसी अनुरूप शिक्षा पद्धति विकसित करने का काम कर रही है. नव चयनित अभ्यर्थी अपने ज्ञान और आइडिया का उपयोग कर शिक्षा व्यवस्था सुधारने में सहयोग करें. सभी को इस काम का बीड़ा उठाना है. गुणवत्तापूर्ण मानव संसाधन की कमी को पूरा करके ही हम अपने राज्य को आगे बढ़ा सकेंगे. कार्यक्रम में स्कूली शिक्षा मंत्री नीरा यादव भी मौजूद थीं.
स्कूली शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह ने कहा कि स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से प्रयास किये जा रहे हैं. नीति आयोग के साथ मिल कर राज्य में साथी प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है. इसके तहत ज्ञान सेतु, स्कूल रि-ऑर्गनाइजेशन, टीचर रेसनलाइजेशन, फील्ड रि-ऑर्गनाइजेशन आदि शामिल है.
ज्ञान सेतु के तहत बच्चों के लिए रेमिडियल टीचिंग की व्यवस्था विद्यालय स्तर पर सुनिश्चित की जा रही है. साथी के सभी कार्यक्रमों के सफल संचालन व मॉनिटरिंग के लिए ई विद्यावाहिनी नामक एमआइएस विकसित किया जा रहा है. मौके पर शिक्षा विभाग के अपर सचिव डॉ शैलेश कुमार चौरसिया, राज्य परियोजना निदेशक उमाशंकर सिंह, प्राथमिक शिक्षा निदेशक आकांक्षा रंजन समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे.
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