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रांची : भारतीय समाज के रग-रग में है संस्कृत
रांची : रांची विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग में शनिवार को सरल मानक संस्कृत विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया है. कार्यशाला में बाबा साहब भीमराव अांबेडकर विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर के प्रो प्रकाश पांडे ने कहा कि संस्कृत भारतीय समाज के रग-रग में बसा हुआ है. लोगों को संस्कृत के महत्व के बारे में बताने […]
रांची : रांची विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग में शनिवार को सरल मानक संस्कृत विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया है. कार्यशाला में बाबा साहब भीमराव अांबेडकर विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर के प्रो प्रकाश पांडे ने कहा कि संस्कृत भारतीय समाज के रग-रग में बसा हुआ है. लोगों को संस्कृत के महत्व के बारे में बताने की आवश्यकता है.
उन्होंने संस्कृत व्याकरण के बारे में जानकारी देते हुए वाक्यों में विभक्ति व संधि का प्रयोग तथा समास का प्रयोग किस प्रकार सरल रूप में किया जा सके, इसके बारे में बताया. संस्कृत के अध्ययन, अध्यापन व वाचन के सरल तरीके के बारे में बताया. डॉ दीपचंद राम कश्यप ने कहा कि संस्कृत संभाषण करते समय संस्कृतज्ञों द्वारा सरल संस्कृत भाषा का प्रयोग हो, जिससे कि संस्कृत में सामान्य लोक व्यवहार संभव हो सके.
इसके लिए झारखंड प्रदेश के कई जिलों में सरल मानक संस्कृत कार्यशाला के माध्यम से संस्कृत शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है.
डॉ चंद्रकांत शुक्ला ने सरल मानक संस्कृत कार्यशाला में संस्कृत भाषा की प्राचीनता का वर्णन करते हुए कहा कि संस्कृत आज से लगभग 200 वर्ष पूर्व तक भारत में बोली जाती रही है. वर्तमान समय में इसे पुन: लोगों के बीच प्रयोग में लाने की आवश्यकता है.
संस्कृत भारती के प्रांत शिक्षण प्रमुख डॉ चंद्र माधव सिंह ने अभिनय के माध्यम से उदाहरण से सरल संस्कृत पढ़ाने के विषय के बारे में बताया. मौके पर संस्कृत विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ मधुलिका वर्मा, डॉ वीके मिश्रा, डॉ मीना शुक्ला, डॉ जानकी देवी, डॉ उषा टोप्पो उपस्थित थीं. कार्यशाला में प्रतिभागी के रूप में रांची प्लस टू व हाइस्कूल के संस्कृत विषय के शिक्षकों ने भाग लिया.
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