रांची : अंबीरन मुखर्जी ने होमगार्ड के अधिकारियों पर रांची और खूंटी जिला के 200 से अधिक होमगार्ड से एक करोड़ रुपये लेने का आरोप लगाया है. उन्होंने इसकी शिकायत भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) से की है. मामले में प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की मांग की गयी है. शिकायतकर्ता धनबाद निवासी होमगार्ड एसोसिएशन के रवींद्रनाथ मुखर्जी की पत्नी हैं. शिकायतकर्ता का आरोप है कि रांची और खूंटी जिला में 1989 में या उससे पहले होमगार्ड में जिन लोगों की बहाली हुई थी, उन्होंने अपनी जाति मुंडा बताया था.
वर्तमान में जब होमगार्ड के जवानों ने आधार कार्ड के जरिये बैंक एकाउंट को लिंक कराया, तब लोगों ने अपनी जाति महतो बताया. जाति में अंतर होने के कारण बैंक खाता बंद कर दिया गया था. बाद में होमगार्ड के जवानों ने अपनी जाति को महतो और बैठा घोषित कराने में सहयोग करने के लिए होमगार्ड के अधिकारियों को रिश्वत दी. शिकायतकर्ता का यह भी आरोप है कि पूर्व में इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित की गयी थी. इसमें यह पाया गया कि होमगार्ड के 132 जवानों ने पूर्व में अपनी जाति के बारे में गलत जानकारी देकर बैंक खाता खुलवाया था. लेकिन मामले में किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गयी. शिकायत के अनुसार होमगार्ड के अधिकारियों ने प्रत्येक होमगार्ड के जवानों से प्रति जवान 70 हजार रुपये लेकर जवानों को अपनी जाति में सुधार की अनुमति दे दी. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि किसी जवान की जाति बदल कर उसे लाभ पहुंचाने का अधिकार झारखंड गृह रक्षक अधिनियम के किसी धारा या रूल के अंतर्गत सही नहीं है. शिकायत में पुलिस के कई बड़े अधिकारियों के नाम का उल्लेख भी है, जिन पर आपराधिक षड्यंत्र में शामिल होने का आरोप है.