रांची : रिम्स में होल ब्लड की जगह अब ब्लड कंपोनेंट्स को तैयार किये जा रहे हैं. ब्लड कंपोनेंट्स की डिमांड भी बढ़ गयी है. डॉक्टर भी कंपोनेंट् को ज्यादा महत्व दे रहे हैं. इन का उपयोग सबसे ज्यादा थैलेसिमिया के मरीजों में किया जा रहा है.
रिम्स ब्लड बैंक के इंचार्ज डॉ एके श्रीवास्तव ने बताया कि शिविर के माध्यम से एकत्र होल ब्लड से कंपोनेंट्स तैयार किये जा रहे हैं. एक यूनिट होल ब्लड से चार कंपोनेंट्स (प्लाजमा, रेड ब्लड सेल, व्हाइट ब्लड सेल और प्लेटलेट्स) तैयार किये जा रहे हैं, जिससे चार लोगों की डिमांड को पूरा किया जा रहा है. उधर, सदर अस्पताल के ब्लड बैंक में भी कंपोनेंट्स को ज्यादा प्राथमिकता दी जा रही है. थैलेसिमिया डे-केयर के लिए तो कंपानेंट्स मुहैया कराया जा रहा है, साथ ही अन्य मरीजों में भी कंपोनेंट्स को ज्यादा महत्व दिया जा रहा है. रिम्स निदेशक डॉ आरके श्रीवास्तव ने भी कहा था कि रिम्स ब्लड बैंक में 50 फीसदी कंपोनेंट्स तैयार किया जा रहा है. कंपोनेंट्स का स्टॉक ज्यादा तैयार कर रखा जायेगा