शकील अख्तर
रांची: सरावगी बंधुओं (अमित सरावगी, स्वाति सरावगी, ज्ञान प्रकाश सरावगी, आयुष सरावगी आदि) ने अलग-अलग कंपनियों के नाम पर कर्ज लेने के लिए बैंक में एक ही फ्लैट को गिरवी रखा था. करोड़ों का कर्ज दिलाने के लिए पश्चिम बंगाल के कई लोगों ने अपनी पूरी जमीन ही गिरवी रख दी. इससे इन लोगों के अलावा बैंक अधिकारियों की भूमिका भी शक के दायरे में है.
ग्लोबल ट्रेडर्स और श्री बदरी केदार उद्योग के नाम लिया कर्ज : सरावगी बंधुओं ने ग्लोबल ट्रेडर्स और श्री बदरी केदार उद्योग के नाम पर बैंक से कर्ज लेने के लिए एक ही फ्लैट को गिरवी रखा. ग्लोबल ट्रेडर्स को बैंक ऑफ इंडिया ने तीन करोड़ के कर्ज दिये थे. कर्ज बढ़ा कर 8.90 करोड़ करने के लिए सरावगी बंधुओं ने कांके रोड के गांधी नगर स्थित स्काई विला अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 601 को गिरवी रखा था. छठी मंजिल पर स्थित इस फ्लैट का बाजार मूल्य 1.59 करोड़ रुपये बताया. सरावगी बंधुओं ने इसी फ्लैट को श्री बदरी केदार उद्योग के नाम पर 15 करोड़ रुपये कर्ज लेने के लिए गिरवी रखा. इसके लिए इस फ्लैट का बाजार मूल्य 1.37 करोड़ रुपये बताया.
कर्ज दिलानेवालों की भूमिका भी शक के दायरे में
सरावगी बंधुओं की इन दोनों कंपनियों को बैंक से कर्ज दिलाने में अपनी जमीन गिरवी देनेवाले गायत्री कात्याल, मौमिता कात्याल, चंद्रिया कात्याल और मृणाल कांति सरकार की भूमिका भी संदेहास्पद है. मृणाल कांति सरदार ने ग्लोबल ट्रेडर्स को कर्ज दिलाने के लिए 6.52 करोड़ रुपये मूल्य की अपनी जमीन गिरवी रखी थी. बैंक के पास मृणाल कांति का कांटेक्ट नंबर और केवाइसी भी नहीं है. 24 परगना जिले के निवासी इस व्यक्ति के पास सरावगी बंधुओं के लिए गिरवी के रूप में रखी गयी 4.99 एकड़ जमीन के अलावा और कोई संपत्ति नहीं है. इसका कोई दूसरा व्यवसाय भी नहीं है. वह सरावगी बंधुओं का करीबी रिश्तेदार भी नहीं है. आश्चर्यजनक बात यह कि इस जमीन को गिरवी के रूप में रखने के लिए इसका सत्यापन बैंक के ही एक अधिकारी ने किया. श्री बदरी केदार उद्योग को कर्ज दिलाने के लिए भी 24 परगना जिले की गायत्री, मौमिता और चंद्रिया नाम की महिलाओं ने अपनी 14.12 करोड़ रुपये की जमीन गिरवी रखी है.