रांची: लातेहार के सलगी गांव में बिना कुआं बनाये ही करीब 2.32 लाख रुपये हड़पने का मामला सामने आया है. सारा पैसा पंचायत सदस्यों और कर्मचारियों ने मिल कर हड़प बंदरबांट कर लिया. केंद्रीय मनरेगा काउंसिल के विल्फ्रेड लकड़ा ने मंगलवार को इस गांव का निरीक्षण मामले को पकड़ा. श्री लकड़ा ज्यां द्रेज और रितिका खेरा की शिकायत पर वहां गये थे. जांच के दौरान श्री लकड़ा के साथ ज्यां द्रेज, रितिका खेरा व मीडिया सह प्रशिक्षण प्रभारी राजदेव पांडेय सहित अन्य कर्मी उपस्थित थे.
चेक से किया है बंदरबांट
जांच टीम को बैंक में यह भी जानकारी मिली कि संतोष राम ने 1.82 लाख रुपये का बंदरबांट चेक से ही किया है. इस गड़बड़ी में जो भी हिस्सेदार थे, सभी को पैसा चेक से दिया गया है. यानी किसे-किसे कितना पैसा मिला है, सबकी पुष्टि इस चेक से हो रही है.
प्रदीप को कुछ पता ही नहीं
इधर टीम के सदस्यों ने इस संबंध में प्रदीप कुमार से भी बात की. योजना में जिस जमीन का उल्लेख है, वहां प्रदीप की जमीन नहीं है और न ही प्रदीप को कुआं के बारे में कुछ जानकारी है. उनके नाम से गड़बड़ी हो गयी और राशि भी निकासी कर ली गयी, पर उसे पता नहीं चला.
फंसेंगे कई कर्मी
इस मामले में संबंधित मुखिया, पंचायत सेवक से लेकर प्रखंड स्तर के भी कई अफसर फंसेंगे. जांच टीम को उनके खिलाफ कई साक्ष्य मिले हैं. इन साक्ष्यों को मनरेगा आयुक्त को सौंपा जायेगा. वहीं श्री लकड़ा इसकी जांच रिपोर्ट केंद्र सरकार को भी देंगे.
क्या है मामला
विष्णु बांध पंचायत के इस गांव में प्रदीप कुमार के नाम से 1.80 लाख रुपये का कूप 2010-11 में स्वीकृत हुआ था. बाद में बताया गया कि कुआं बनाने में 2.32 लाख रुपये खर्च हुए हैं. टीम वहां गयी, तो किसी प्रदीप कुमार के जमीन पर कुआं नहीं मिला. इसके बाद उस योजना संख्या के आधार पर टीम एसबीआइ मनिका पहुंची. वहां पाया कि संतोष राम के नाम से 1.82 लाख रुपये का चेक पास हुआ है. यानी इतनी राशि उसे मिली है. यानी कागज में योजना का लाभुक प्रदीप कुमार को बनाया गया और निकासी संतोष राम के नाम से हुई.