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नयी सरेंडर पॉलिसी के प्रस्ताव में पेच, विधि विभाग ने गृह को लौटायी फाइल

क्या था नयी सरेंडर नीति का प्रस्ताव उग्रवादी का समर्पण मंत्री, सांसद, विधायक, प्रमंडलीय आयुक्त, जोनल आइजी, डीआइजी, जिला दंडाधिकारी, एसपी, एसडीओ, एसडीपीओ, प्रखंड विकास पदाधिकारी, थाना प्रभारी या राज्य सरकार द्वारा मनोनीत किसी पदाधिकारी के समक्ष कराया जा सकता है. ये पदाधिकारी समर्पण करने वाले नक्सली को तत्काल निकटवर्ती पुलिस थाना, पुनर्वास कैंप के […]

क्या था नयी सरेंडर नीति का प्रस्ताव

उग्रवादी का समर्पण मंत्री, सांसद, विधायक, प्रमंडलीय आयुक्त, जोनल आइजी, डीआइजी, जिला दंडाधिकारी, एसपी, एसडीओ, एसडीपीओ, प्रखंड विकास पदाधिकारी, थाना प्रभारी या राज्य सरकार द्वारा मनोनीत किसी पदाधिकारी के समक्ष कराया जा सकता है. ये पदाधिकारी समर्पण करने वाले नक्सली को तत्काल निकटवर्ती पुलिस थाना, पुनर्वास कैंप के सुपुर्द करेंगे. समर्पण करनेवाले नक्सली के संगठन में होने की पुष्टि विशेष शाखा से होना जरूरी होगा.

सभी जिलों में जिला पुनर्वास समिति का गठन किया जायेगा. समिति के अध्यक्ष डीसी, सचिव जिला के एसपी होंगे. जबकि अग्रणी बैंक के प्रतिनिधि, विशेष शाखा के एडीजी के प्रतिनिधि, डीडीसी, होमगार्ड के अधिकारी, जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक इसके सदस्य होंगे. समिति उग्रवादी की सामाजिक, आर्थिक पृष्ठभूमि, उम्र, सामान्य शैक्षणिक व तकनीकी योग्यता, पुनर्वास के लिए विकल्पों की प्राथमिकता पर विचार करेगी. समिति पुनर्वास पैकेज के संबंध में एनजीओ की भी राय ले सकती है.

जोनल कमांडर स्तर के ऊपर के उग्रवादी को उनके ऊपर घोषित इनाम की पूरी राशि के अलावा पांच लाख का अनुदान अलग से मिलेगा. सरेंडर के वक्त एक लाख, जबकि दो साल में दो लाख की दो किस्त. जोनल कमेटी से नीचे के उग्रवादियों को अनुदान के तौर पर 2.50 लाख मिलेंगे. सरेंडर के ठीक बाद 50 हजार, जबकि बाद में दो किस्त में एक-एक लाख का भुगतान किया जायेगा.

घर बनाने के लिए चार डिसमिल जमीन, प्रधानमंत्री आवासीय योजना का लाभ.

नक्सलियों व उनके परिवार को स्नातक तक की शिक्षा के लिए 40 हजार रुपये सालाना मिलेगा. तिमाही में शिक्षण संस्थान को अग्रिम भुगतान दिया जायेगा.

समर्पण करनेवाले उग्रवादी को अगर संगठन के लोग मार डालते हैं, तो परिवार को सरकार द्वारा उग्रवादी हिंसा में मारे गये आम नागरिक को मिलनेवाले लाभ भी मिलेंगे.

बैंकों से स्वनियोजन के लिए 4 लाख का कर्ज.

शारीरिक मापदंड को पूरा करनेवाले उग्रवादियों की पुलिस, गृहरक्षक या एसपीओ में बहाली हो सकती है. डीजीपी और आइजी विशेष परिस्थिति में शारीरिक मापदंड को शिथिल कर सकते हैं.

पांच लाख का बीमा सरकार करायेगी. पांच आश्रितों को भी एक लाख तक का बीमा.

विशेष शाखा अगर सरेंडर नक्सली के दोबारा संगठन में गतिविधि की सूचना पर रिपोर्ट करेगी, तो सारी सुविधाएं तत्काल खत्म कर दी जायेगी.

पुनर्वास पैकेज के तहत भुगतान के लिए राशि की निकासी और खर्च की जिम्मेदारी डीसी की होगी. इसके लिए वित्त विभाग की सहमति जरूरी नहीं.

बाल नक्सलियों को पीड़ित मानते हुए कार्रवाई किये जाने के प्रस्ताव पर विधि विभाग ने सवाल खड़े किये

रांची : नयी सरेंडर पॉलिसी के प्रस्ताव में पेच फंस गया है. सरेंडर के बाद महिला व बाल नक्सलियों को पीड़ित मानते हुए कार्रवाई किये जाने के प्रस्ताव पर विधि विभाग ने सवाल खड़े किये हैं. साथ ही गृह विभाग से पूछा है कि आखिर कैसे उनको पीड़ित माना जाये. इस संबंध में विधि विभाग ने गृह विभाग को फाइल लौटाते हुए जवाब मांगा है. अब गृह विभाग इस संबंध में पुलिस मुख्यालय से जवाब तलब कर आगे की कार्रवाई करेगा. पूर्व में पुलिस मुख्यालय के प्रस्ताव को गृह विभाग ने विधि विभाग को भेजा था. प्रस्ताव में कहा गया था कि सरेंडर करने वाली महिला या बाल नक्सली को कोर्ट द्वारा दोषी नहीं पाये जाने तक पीड़िता माना जायेगा.

गृह विभाग ने विधि विभाग को भेजे प्रस्ताव में कहा था कि वर्तमान में चल रही समर्पण नीति के कई प्रावधान काफी जटिल हैं, उनके निष्पादन में अधिक समय लगता है. ऐसे में समर्पण करनेवाले नक्सलियों में हताशा की स्थिति उत्पन्न हो रही है. इस नीति की समीक्षा के बाद नयी समर्पण व पुनर्वास नीति का प्रारूप तैयार कर भेजा जा रहा है.
उल्लेखनीय है कि पूर्व में महिला और बाल नक्सलियों को सरेंडर के बाद नौकरी भी दी गयी है. कुछ को अलग से रोजगार के अवसर भी मुहैया कराये गये हैं. हाल के दिनों में पलामू व गिरिडीह सहित अन्य जिलों में कई महिला और बाल नक्सलियों को पुलिस ने अभियान के दौरान पकड़ा था. इनके पास से अत्याधुनिक हथियार भी बरामद किये गये थे.
कब कितने नक्सलियों ने किया सरेंडर : राज्य स्थापना से 2010 तक 19, 2011 में 15, 2012 में 08, 2013 में 15, 2014 में 10, 2015 में 13, 2016 में 39, 2017 में 47 व 2018 में अब तक 16 नक्सलियों ने सरेंडर किया.
हथियार, गोला बारूद के साथ समर्पण पर मिलनेवाली राशि
हथियार राशि
रॉकेट लांचर एक लाख
एके 47, 56, 74, इंसास, एसएलआर 75 हजार
.303 राइफल, पिस्टल, रिवाल्वर, कारबाइन 25 हजार
.315 राइफल व अन्य राइफल 10 हजार
रिमोट कंट्रोल डिवाइस 6 हजार
प्रति हैंड ग्रेनेड व ग्रेनेड 2 हजार
वायरलेस सेट 2 से 10 हजार
आइइडी 6 हजार
विस्फोटक प्रति किलोग्राम 2 हजार

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