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डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विवि में पीएचडी की पढ़ाई इसी सत्र से

रिसर्च काउंसिल गठित, सिंडिकेट का जल्द होगा गठन रांची : डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2018 से पीएचडी की शुरुआत होगी. विवि ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है. इसके लिए विश्वविद्यालय में रिसर्च काउंसिल का गठन कर दिया गया है़ काउंसिल में विवि के तीनों संकाय के डीन, विवि के प्रोफेसर, […]

रिसर्च काउंसिल गठित, सिंडिकेट का जल्द होगा गठन
रांची : डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2018 से पीएचडी की शुरुआत होगी. विवि ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है. इसके लिए विश्वविद्यालय में रिसर्च काउंसिल का गठन कर दिया गया है़
काउंसिल में विवि के तीनों संकाय के डीन, विवि के प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, विभागाध्यक्ष को शामिल किया गया है़ इसमें कुलपति द्वारा नामित चार सदस्य शामिल होते हैं. कुलपति ऐसे सदस्यों काे नामित करते हैं, जिनका शैक्षणिक अनुभव चार वर्ष का हो. इसके अलावा शोध के क्षेत्र में उनका योगदान रहा हो. काउंसिल के अध्यक्ष विश्वविद्यालय के कुलपति होंगे.
एमफिल की भी होगी पढ़ाई: इसके अलावा विवि में एमफिल की पढ़ाई भी इस सत्र से शुरू होगी. विश्वविद्यालय ने इसकी भी तैयारी पूरी कर ली है. विश्वविद्यालय का कामकाज सुचारु ढंग से हो सके इसके लिए विवि की सभी इकाई के गठन की प्रक्रिया जल्द पूरी की जायेगी. इसके लिए सिंडिकेट का गठन किया जायेगा. सिंडिकेट को लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है.
इस संबंध में सरकार से भी पत्राचार किया जा रहा है. सिंडिकेट में राज्यपाल व सरकार द्वारा नामित प्रतिनिधि शामिल होते हैं. विश्वविद्यालय में एकेडमिक काउंसिल का गठन पहले ही कर दिया गया है.
परीक्षा बोर्ड का भी होगा गठन : विवि में परीक्षा बोर्ड के गठन की प्रक्रिया भी जल्द पूरी कर ली जायेगी. बोर्ड गठन के लिए सदस्यों के नाम का चयन कर लिया गया है. इसकी अधिसूचना इस सप्ताह जारी हो जायेगी. विवि में शैक्षणिक सत्र 2018-21 से सीबीसीएस सिस्टम लागू किया गया है.
इसके आधार पर परीक्षा प्रक्रिया में भी बदलाव होगा. परीक्षा से संबंधित रेगुलेशन बनाने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा दस सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है. कमेटी को दस जून तक अपना प्रस्ताव देने को कहा गया है. इसके बाद आगे की प्रक्रिया पूरी की जायेगी.
एकेडमिक कैलेंडर तैयार करने के लिए कमेटी गठित : इसके साथ ही विश्वविद्यालय का एकेडमिक कैलेंडर तैयार किया जायेगा, जो जून अंत तक तैयार हो जायेगा.
विवि प्रशासन ने एकेडमिक कैलेंडर तैयार करने के लिए भी दस सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. कमेटी को दस जून तक रिपोर्ट देने को कहा गया है. एकेडमिक कैलेंडर के साथ-साथ स्पाेटर्स कैलेंडर भी तैयार किया जायेगा. हालांकि अभी इसकी प्रक्रिया शुरू नहीं की गयी है.
रांची : डॉ मेहता ने बिना पद के दिया योगदान
रांची : डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के पूर्व प्रभारी कुलपति डॉ यूसी मेहता ने अवकाश से लौटने के बाद शुक्रवार को विवि में अपना योगदान दिया. विवि में स्थायी कुलपति की नियुक्ति के बाद डॉ मेहता अवकाश पर चले गये थे. वे कॉलेज के प्रिंसिपल कैडर से आते हैं और पूर्व में रांची कॉलेज के प्राचार्य थे.
अब जबकि सरकार ने रांची कॉलेज को अपग्रेड कर डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय बना दिया.और डॉ मेहता ने विवि में योगदान दे दिया है तो उनके पद को लेकर दिन भर विवि में चर्चा होती रही. क्योंकि विवि में कुलपति, कुलसचिव, सहायक कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक, वित्त पदाधिकारी का पद सृजित है.
लेकिन जब प्राचार्य का पद है ही नहीं तो डॉ मेहता किस पद पर कार्य करेंगे. फिलहाल, वनस्पति शास्त्र विभाग में डॉ मेहता के बैठने की व्यवस्था की गयी है. इस लिहाज से वे शुक्रवार को इसी विभाग में बैठे.
रांची कॉलेज अब तक विलोपित नहीं
मालूम हो कि सरकार ने रांची कॉलेज को डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में अपग्रेड कर दिया है, पर रांची कॉलेज के गठन से संबंधित अधिसूचना आज तक विलोपित नहीं की गयी है. विवि में पद गठन के लिए जारी गजट में कुलपति, कुलसचिव, सहायक कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक व वित्त पदाधिकारी के पद सृजन की बात तो कही गयी, पर रांची कॉलेज के प्राचार्य के पद को विलोपित नहीं किया गया.
जानकार लोगों का कहना है कि रांची कॉलेज का अस्तित्व अभी समाप्त नहीं हुआ है, और डॉ मेहता रांची कॉलेज के प्राचार्य हैं. ऐसे में विवि में पद सृजन और कैडर विभाजन लेकर भी अभी मामला सुलझा नहीं है. और फिर डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विवि के शिक्षकों व कर्मियों का वेतन भुगतान भी रांची विश्वविद्यालय के माध्यम से ही होता है.
कुलपति ने कहा तकनीकी मामला है
इधर, कुलपति डॉ सत्यनारायण मुंडा ने बताया कि डॉ यूसी मेहता ने शुक्रवार को विश्वविद्यालय में अपना योगदान दिया. उनके पद को लेकर मामला तकनीकी रूप से फंसा हुआ है.
क्योंकि विवि में प्राचार्य का पद नहीं है, जबकि डॉ मेहता का कैडर प्राचार्य का है. ऐसे में इस मामले की जानकारी विश्वविद्यालय के हायर ऑथोरिटी व सरकार को देंगे. विवि में पद सृजन से लेकर अन्य तकनीकी समस्याओं का जल्द समाधान का लिया जायेगा.
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में वर्तमान शैक्षणिक सत्र से ही पीएचडी की शुरुआत की जायेगी. इसके लिए प्रक्रिया पूरी की जा रही है. रिसर्च काउंसिल का गठन कर िलया गया है़ जल्द ही आगे की प्रक्रिया पूरी की जायेगी.
डॉ सत्यनारायण मुंडा, कुलपति
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विवि

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