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रिपोर्ट सौंपी, तो डीजीपी गुस्सा हो गये, कहा सीएम पर आरोप लगाते हो, बर्बाद कर देंगे
चारा घोटाला. गवाही देने पहुंचे तत्कालीन निगरानी इंस्पेक्टर ने कोर्ट को बताया रांची : चारा घोटाला के डोरंडा कोषागार से संबंधित आरसी-47 ए/96 मामले में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश प्रदीप कुमार की अदालत में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव सहित अन्य आरोपी जेल से वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये पेश हुए. इस मामले में सीबीआई की […]
चारा घोटाला. गवाही देने पहुंचे तत्कालीन निगरानी इंस्पेक्टर ने कोर्ट को बताया
रांची : चारा घोटाला के डोरंडा कोषागार से संबंधित आरसी-47 ए/96 मामले में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश प्रदीप कुमार की अदालत में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव सहित अन्य आरोपी जेल से वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये पेश हुए.
इस मामले में सीबीआई की ओर से गवाही दर्ज की गयी. सीबीआई के वरीय विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने बताया कि बुधवार को निगरानी विभाग के तत्कालीन इंस्पेक्टर बिंदु भूषण द्विवेदी की गवाही हुई़ द्विवेदी ने कहा कि अखबारों में खबर छपी थी कि पशुपालन विभाग के उच्च पदस्थ पदाधिकारियों ने करोड़ों की संपति अर्जित की है़ इनके लॉकर और बैंक खातों को आयकर विभाग ने सील कर दिया है. पशुपालन विभाग के इन बड़े लोगों की पहुंच सीधे मुख्यमंत्री तक थी़
उन्होंने कहा कि मुझे चारा घोटाले की जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी. जांच के बाद मैंने लिखित प्रतिवेदन तत्कालीन निगरानी एडीजी जी नारायण को दिया.
इस पर उन्होंने कहा कि इस मामले में आपने मुख्यमंत्री लालू प्रसाद और भागवत झा का नाम दिया है. इसलिए न तो इस पर कोई कारवाई और न ही जांच हो पायेगी. मामला खटाई में चला जायेगा और आपकी नौकरी भी खतरे में पड़ जायेगी. उन्होंने कहा कि मामले में फिर से दोनों सीएम का नाम हटाकर प्रतिवेदन दो़ इसके बाद मैंने 27 मई 1992 को दोनों मुख्यमंत्री का नाम हटाकर एडीजी को प्रतिवेदन सौंपा, ताकि चारा घोटालेबाजों पर कार्रवाई हो सके. उन्होंने अदालत में कहा कि मेरे द्वारा दिये गये रिपोर्ट पर एडीजी ने कहा कि मुख्यालय में रहकर इसकी जांच हो. यह मामला बाहर न जाये.
जब मेरी रिपोर्ट पर कार्रवाई नहीं की गयी, तो मैं तत्कालीन निगरानी डीजीपी डीपी ओझा से मिला और उन्हें रिपोर्ट सौंप दी. रिपोर्ट देखकर डीजीपी मुझ पर गुस्सा हो गये. उन्होंने कहा कि सीएम पर आरोप लगाते हो, बर्बाद कर देंगे. बाद में मैंने इस मामले में 5 मार्च 1994 को लोकायुक्त से मिलकर उन्हें प्रतिवेदन दिया. इसी बीच मुझे रांची से हटा कर पटना भेज दिया गया़, जहां कोई काम नहीं था़ मुझे परेशान किया गया.
बुधवार को कोर्ट में तत्कालीन निगरानी इंस्पेक्टर बिंदु भूषण द्विवेदी से लालू प्रसाद और केएन प्रसाद ने भी क्रॉस एग्जामिन किया. लालू ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये उनसे पूछा कि इस मामले में आपने एसपी से शिकायत नहीं की़ सीधे ऊपर के अधिकारी के पास चले गये़ इस पर उन्होंने कहा कि मैंने तत्कालीन निगरानी एसपी से बात की थी़
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