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झारखंड : 16 साल में विकास योजनाओं का बजट 14.52 गुना बढ़ा
राज्य खराब आर्थिक स्थिति से गुजरते हुए विकास दर के राष्ट्रीय औसत से आगे निकल गया रांची : झारखंड गठन के बाद से राज्य खराब आर्थिक स्थिति से गुजरते हुए विकास दर के राष्ट्रीय औसत से आगे निकल गया है. राज्य में नयी आधारभूत संरचनाएं बनी हैं. मौलिक सुविधाएं विकसित हुई हैं. औद्योगिकीकरण के प्रयास […]
राज्य खराब आर्थिक स्थिति से गुजरते हुए विकास दर के राष्ट्रीय औसत से आगे निकल गया
रांची : झारखंड गठन के बाद से राज्य खराब आर्थिक स्थिति से गुजरते हुए विकास दर के राष्ट्रीय औसत से आगे निकल गया है. राज्य में नयी आधारभूत संरचनाएं बनी हैं. मौलिक सुविधाएं विकसित हुई हैं.
औद्योगिकीकरण के प्रयास हो रहे हैं. पिछले 16 सालों में राज्य विकास के विभिन्न मानकों पर आगे बढ़ा है. विकास दर राष्ट्रीय औसत 6.8 फीसदी से ज्यादा हो गयी है. गरीबी में 2001 के मुकाबले 14 प्रतिशत की कमी दर्ज की गयी है. प्रति व्यक्ति आय में भी वृद्धि हुई है.
स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी सुधार हुआ है. सड़क, शिक्षा, पेयजल, सिंचाई और बिजली जैसी सुविधाओं में काफी बढ़ोतरी हुई है. राज्य गठन के बाद 16 वर्षों में सरकार ने विकास योजनाओं के लिए निर्धारित राशि को 14.52 गुना बढ़ाया है. वर्ष 2001-17 तक की अवधि में विकास योजनाओं पर 2.17 लाख करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनायी गयी. इसके अनुरूप बजट में पैसों का प्रावधान किया गया.
पहले वित्तीय वर्ष 2001-02 में सरकार ने पहली बार अपने लिए विकास का लक्ष्य निर्धारित किया और विकास योजनाओं के लिए बजट में पैसों का प्रावधान किया. इसके बाद हर साल विकास योजनाओं की राशि में लगातार बढ़ोतरी की गयी. विकास योजनाओं के लिए निर्धारित राशि में से 70 प्रतिशत से अधिक खर्च करने में सफलता हासिल की. गुजरे 16 वर्षों में सबसे ज्यादा राशि 2015-16 के दौरान खर्च हुई. इस वर्ष योजना मद की 97.36 प्रतिशत राशि खर्च की गयी. अब राज्य सरकार ने महिलाओं को ध्यान में रखते हुए जेंडर बजट तैयार किया है.
बजट प्रक्रिया में आम लोगों को शामिल किया गया है. मुख्यमंत्री स्वयं सभी प्रमंडलों में घूम कर लोगों को बजट पर सुझाव देनेके लिए प्रेरित कर रहे हैं. बढ़िया सुझावों को न केवल बजट में शामिल किया जा रहा है, बल्कि सुझाव देने वालों को सरकार पुरस्कृत भी कर रही है.
झारखंड : पहले और अब
मद 2001 में अभी
आबादी (करोड़ में) 2.69 3.29
विकास दर 4.72% 8.6%
गरीबी 54.00% 40.00%
बेरोजगारी दर(2004-05 व 2011-12 में) 2.1% 2.3%
प्रति व्यक्ति आय 10451 62816
प्रति व्यक्ति कर्ज 2318 17183
राजस्व प्राप्ति 1279.52 4934.69
जनसंख्या घनत्व(व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर) 338 414
साक्षरता 53.56% 66.41%
पुरुष साक्षरता 67.3% 76.84%
महिला साक्षरता 38.87% 55.42%
मद 2001 में अभी
सड़क घनत्व(प्रति हजार वर्ग किलोमीटर) 67.75 144
सिंचाई क्षमता 23.19% 36.66%
बिजली खपत प्रति व्यक्ति(किलोवाट) 178 582
बाल मृत्यु दर( प्रति हजार) 72 44
मातृ मृत्यु दर( प्रति लाख) 504 208
विश्वविद्यालय 03 13
दूध की उपलब्धता प्रति व्यक्ति प्रति दिन(ग्राम में) 91 170
पाइप लाइन पेयजल उपलब्धता 10% 26.12%
कुपोषण 54.3% 47.8%
लिंग अनुपात 941 948
(आंकड़ों का स्रोत : राज्य सरकार)
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