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झारखंड : बजट पूर्व संगोष्ठी, सशक्तीकरण का असरदार कदम

डॉ मनीष रंजन नये कीर्तिमान, संकल्प तथा सेवा भाव शंखनाद के साथ झारखंड राज्य नये वर्ष में प्रवेश कर रहा है. यह प्रवेश अभूतपूर्व है. संकल्प से सिद्धि की ओर का सफर.आगामी वर्ष के बजट का निर्माण, बजट पूर्व आयोजित कई संगोष्ठियों के पश्चात किया जा रहा है. समाज के प्रत्येक क्षेत्र के प्रतिनिधियों चाहे […]

डॉ मनीष रंजन
नये कीर्तिमान, संकल्प तथा सेवा भाव शंखनाद के साथ झारखंड राज्य नये वर्ष में प्रवेश कर रहा है. यह प्रवेश अभूतपूर्व है. संकल्प से सिद्धि की ओर का सफर.आगामी वर्ष के बजट का निर्माण, बजट पूर्व आयोजित कई संगोष्ठियों के पश्चात किया जा रहा है.
समाज के प्रत्येक क्षेत्र के प्रतिनिधियों चाहे वे कृषक हों, शिक्षाविद् हों, विद्यालयों अथवा महाविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र–छात्राएं हों या आधी आबादी की प्रतिनिधित्व करनेवाली महिलाएं. सभी ने अलग–अलग प्रमंडलों में आयोजित बजट पूर्व संगोष्ठी में अपने विचारों से नीति निर्माताओं को अपनी आवश्यकताओं और आकांक्षाओं के विषय में अवगत कराया. इस वर्ष बजट पूर्व संगोष्ठियों में स्वास्थ्य, पोषण, बिजली, शिक्षा, पेयजल, स्वच्छता इत्यादि प्रक्षेत्रों से 832 सुझाव आये, जिन्हें ध्यान में रखते हुए विकास के मानकों को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने के लिए ठोस कार्य योजना तैयार की जा रही है.
वास्तव में यह सब एक परिवर्तनकारी कदम है. ठीक वैसा ही कदम जैसा नील आर्मस्ट्रांग ने चंद्रमा पर पांव रखते हुए कहा, ‘व्यक्ति का एक छोटा कदम, लेकिन मानवता के लिए एक लंबी छलांग’. इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज, ससेक्स यूनिवर्सिटी के सर्वकालिक प्रतिष्ठित रॉबर्ट चैम्बर्स की पुस्तक ‘पुटिंग द लास्ट फर्स्ट’ में भी इस तरह की जन भागीदारी को ही तीव्र सतत सामाजिक परिवर्तन की कुंजी बताया है, जिसमें स्थानीय ग्रामीण विवेक एवं ज्ञान का समावेश किया जाता है.
बजट पूर्व संगोष्ठी भी इसी तरह की जन भागीदारी के सिद्धांतों पर आधारित है, जिसमें नीति निर्माता एवं आम जन के बीच की दूरी को पाटने की कोशिश की गयी है
आमजनों के सुझावों को राज्य सरकार के बजट में समाहित करना ही नये झारखंड के निर्माण के नींव की पहली ईंट हैं.लगभग दो लाख लोगों को नियुक्ति देकर विकास को नयी गति प्रदान की गयी है. 13 नये पॉलिटेक्निक कॉलेज एवं 32 डिग्री कॉलेज (13 सामान्य एवं 19 बीएड कॉलेज) की स्थापना, उज्ज्वला योजना से 20 लाख बीपीएल परिवारों को आच्छादित कर प्रदूषित धुएं से मुक्ति, प्रतिदिन 3.15 किलोमीटर सड़क निर्माण करना, एक रुपये में महिलाओं की अचल संपत्ति की रजिस्ट्री की व्यवस्था करना, दलित शोषित एवं वंचितों के लिए जोहार योजना के तहत 1500 करोड़ एवं हुनर तथा कौशल सुनिश्चित करने वाली तेजस्विनी योजना के तहत 500 करोड़ का आवंटन, कृषकों को कृषि, पशुपालन, बागवानी एवं मत्स्य पालन से जोड़ना ही नये झारखण्ड के निर्माण की दिशा तय कर रहा है.
आदिवासी विकास समिति एवं ग्राम विकास समिति को जागृृत किया जाना, लगभग 1.2 लाख सखी मंडलों का गठन, 11000 परिवारों का अांबेडकर आवास योजना से आच्छादन, 2022 तक सभी घरों में पाइप लाइन से जलापूर्ति, दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल विकास के तहत लगभग 65 हजार युवक–युवतियों को प्रशिक्षण, सरकारी विद्यालयों के 10,000 बच्चों के लिए गिफ्ट मिल्क की व्यवस्था, मुख्यमंत्री शिक्षा ऋण योजना के तहत 7.5 लाख विद्यार्थियों के शिक्षा की पूरी गारंटी, आदिम जनजातियों के लिए 2 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का प्रावधान, टाना भगतों के विकास के लिए 10 करोड़ की राशि का प्रावधान राज्य के समेकित विकास एवं आर्थिक स्थिति की रिकार्ड 8.6 प्रगति दर ही नये झारखंड के निर्माण के संकल्प को प्रबल बना रहा है.
बजट पूर्व संगोष्ठी, प्रख्यात लेखक स्टीवन कोवे द्वारा रचित ‘अति प्रभावकारी लोगों की सात आदतें’ की दूसरी आदत, ‘अंतिम लक्ष्य को ध्यान में रखकर शुरुआत करें’ को स्मरण दिलाता है जिसके अनुसार, नये झारखंड के निर्माण एवं विकास जैसे महत्वाकांक्षी लक्ष्य की प्राप्ति हेतु उच्च विजन एवं स्पष्ट मिशन की अनिवार्यता है तथा इसमें सभी स्टेक होल्डर की सहभागिता जरूरी है.
(लेखक खूंटी के उपायुक्त हैं और ये उनके व्यक्तिगत विचार हैं)

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