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झारखंड : भौतिकी, रसायन में सामान्य वर्ग के 122 शिक्षकों में 41 दूसरे राज्य के
प्लस टू हाइस्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए हुई थी परीक्षा सुनील कुमार झा रांची : प्लस टू हाइस्कूलों में भौतिकी व रसायन विषय में सामान्य कोटि (अनारक्षित) से बड़ी संख्या में दूसरे राज्य के विद्यार्थी सफल हुए हैं. इन दोनों विषयों में सामान्य कोटि के 122 शिक्षक नियुक्त हुए हैं. इनमें आधे की […]
प्लस टू हाइस्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए हुई थी परीक्षा
सुनील कुमार झा
रांची : प्लस टू हाइस्कूलों में भौतिकी व रसायन विषय में सामान्य कोटि (अनारक्षित) से बड़ी संख्या में दूसरे राज्य के विद्यार्थी सफल हुए हैं. इन दोनों विषयों में सामान्य कोटि के 122 शिक्षक नियुक्त हुए हैं. इनमें आधे की नियुक्ति सीधी हुई है, जबकि आधे के लिए पद आरक्षित (पहले से कार्यरत शिक्षकों के लिए) था. इन 122 नवनियुक्त शिक्षकों में 41 दूसरे राज्य के हैं.
यानी करीब 33 फीसदी सफल उम्मीदवार झारखंड से बाहर के रहनेवाले हैं. भौतिकी में अनारक्षित पद पर हुई 50 नियुक्ति में 17 और रसायन में 72 में 24 शिक्षक झारखंड के बाहर के हैं. इसी तरह, इतिहास में 86 अनारक्षित पद में 16 पर दूसरे राज्य के अभ्यर्थी सफल हो सके हैं. झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग ने भौतिकी, रसायन व इतिहास विषय में 513 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए परीक्षा ली थी.
इनमें सामान्य कोटि में आधे पद पर सीधी नियुक्ति करनी थी. आधे पद झारखंड के हाइस्कूलों में पहले से कार्यरत शिक्षकों के लिए आरक्षित थे. सीधी िनयुक्ति के तहत और शिक्षकों के लिए आरक्षित दोनों को िमला कर रसायन में सामान्य अभ्यर्थियों के लिए 86, इतिहास में भी 86 और भौतिकी में 50 पद निर्धारित िकये गये थे.
भौतिकी और रसायन में बड़ी संख्या में दूसरे राज्य के अभ्यर्थियों की नियुक्ति के बाद भी पद रिक्त रह गये हैं. भौतिकी में 35 व रसायन में अनारक्षित कोटि के एक दर्जन पद रिक्त रह गये. इनमें अधिकतर पद राज्य के हाइस्कूल के शिक्षकों के लिए आरक्षित हैं.
जब भी हुई नियुक्ति, रिक्त रह गये पद : +टू हाइस्कूलों में इससे पूर्व वर्ष 2012 में शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी. उस समय भी पद रिक्त रह गये थे. गणित में 230 में 109 व जीव विज्ञान में मात्र 136 शिक्षक की ही नियुक्ति हो पायी थी.
प्लस टू शिक्षकों का कैडर राज्य स्तरीय : प्लस टू शिक्षकों का कैडर राज्य स्तरीय है. इस पर नयी स्थानीय नीति प्रभावी नहीं होती है. राज्य सरकार ने जिला स्तरीय नियुक्ति में 13 जिलों में शत-प्रतिशत पद संबंधित जिले के अभ्यर्थियों के लिए ही आरक्षित किया है. इसमें प्राथमिक व हाइस्कूल के शिक्षक आते हैं. प्लस टू में भी इसे लागू करने की मांग हो रही है.
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