रांची: राज्य के विवि शिक्षकों की समस्याअों का अब तक समाधान नहीं होने पर राज्यपाल सह कुलाधिपति द्रौपदी मुर्मू ने आश्चर्य व्यक्त किया है. राजभवन में सोमवार को विवि शिक्षकों (फुटाज) का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल सह कुलाधिपति से मिल कर शिक्षकों की विभिन्न समस्याअों से उन्हें अवगत कराया. शिक्षकों ने राज्यपाल को तथ्य के साथ विवि के अधिकारियों व सरकार के अधिकारियों की लापरवाही व शिथिलता दिखायी. इस पर राज्यपाल श्रीमती मुर्मू ने कहा कि यह गंभीर मामला है.
इससे प्रतीत होता है कि विवि के कुलपति व सरकार के अधिकारी राजभवन में आयोजित बैठकों में सही तथ्य नहीं रखते हैं. विवि शिक्षक की तरफ से नेतृत्व कर रहे डॉ राजकुमार ने कहा कि कुल 11 मांगों में प्रथम शिक्षकों की प्रोन्नति व द्वितीय एजीपी व पीएचडी इंक्रीमेंट से संबंधित है, जिसका अब तक निराकरण नहीं हो सका है. डॉ हरिअोम पांडेय ने उच्च न्यायालय के आदेश के अालोक में कालबद्ध प्रोन्नति से संबंधित जानकारी उपलब्ध करायी.
डॉ एलके कुंदन ने कैरियर एडवांसमेंट के तहत प्रोन्नति की वस्तुस्थिति से अवगत कराया. डॉ श्रवण कुमार सिंह व डॉ शकील अहमद ने बताया कि शिथिलता के कारण चतुर्थ चरण के शिक्षकों को 35-40 साल से प्रोन्नति नहीं मिल पायी है. डॉ रामकिशोर भगत ने जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा के शिक्षकों को प्रोन्नति नहीं मिलने की बात कही.
डॉ राजकुमार व डॉ बीएन सिंह ने वर्ष 2008 के शिक्षकों को एजीपी व पीएचडी इंक्रीमेंट शीघ्र भुगतान कराने की बात कही. मौके पर उपस्थित राज्यपाल के प्रधान सचिव एसके सत्पथी ने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि राज्य के अंदर ही विवि में नियम पालन में असमानताएं हैं. प्राचार्य के पद पर आरक्षित सीटें खाली रह जाने को भी राज्यपाल ने गंभीर बताया. डॉ बब्बन चौबे ने सेवानिवृत्त शिक्षकों को एक जनवरी 2006 से एरियर भुगतान दिलाने की बात कही. शिक्षकों ने सातवें वेतनमान सहित पेंशन, एरियर भुगतान आदि की बातें भी रखीं. राज्यपाल ने सभी बातें ध्यानपूर्वक सुनने के बाद कहा कि विषय संवेदनशील है, शीघ्र ही समाधान किया जायेगा. उन्होंने अपने प्रधान सचिव को निर्देश दिया कि शिक्षकों द्वारा उठाये गये सभी बिंदुअों का समाधान कराने के लिए विवि व सरकार के अधिकारियों की शीघ्र बैठक बुलायें. इससे पूर्व शिक्षक प्रतिनिधियों की भी बैठक बुलाकर मामले की विस्तृत जानकारी ले लें. विवि शिक्षकों ने समस्याअों के समाधान की वस्तुस्थिति जानने के लिए राज्यपाल से पुन: 15 जनवरी 2018 को मिलने की इच्छा जतायी, जिसे राज्यपाल ने स्वीकार कर लिया. इस प्रतिनिधिमंडल में डॉ राम इकबाल सिंह, डॉ एसएम अब्बास, प्रो राजेश कुजूर भी विशेष रूप से उपस्थित थे.