पंडरा बाजार में ट्रांसपोर्ट नगर बनाने का फैसला वापस ले सरकार, वरना करेंगे चरणबद्ध आंदोलन
रांची : पंडरा बाजार समिति में 36 वर्षों से लोग अपना व्यवसाय सरकार की नीतियों के अनुसार ही चला रहे हैं. समिति विकास विरोधी नहीं है, लेकिन 10,000 लोगाें का बेरोजगार होना किसी भी कीमत पर मान्य नहीं है. ये बातें पंडरा व्यापार बचाओ संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों ने मंगलवार को मुख्य बाजार में आयोजित आक्रोश महासभा के दौरान कहीं.
इस महासभा का आयोजन पंडरा बाजार समिति में ट्रांसपोर्ट नगर बनाने के निर्णय के विरोध में किया गया था. इसमें व्यावसायिक प्रतिनिधि, मजदूर, ट्रक एवं टेंपो एसोसिएशन के प्रतिनिधि शामिल हुए. इस दौरान सरकार से मांग की गयी कि वह अपने निर्णय को विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान वापस ले, वरना सत्र के बाद चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किया जायेगा. इसके तहत मशाल जुलूस, राजभवन महाधरना, मुख्यमंत्री आवास घेराव, पंडरा अनिश्चितकालीन बंदी शामिल है.

अधिकारों का हनन बर्दाश्त नहीं करेंगे : समिति के मुख्य संयोजक ललित नारायण ओझा ने कहा कि लोकतंत्र में लोगों के अधिकारों का हनन व्यवसायी तथा मजदूर बर्दाश्त नहीं करेंगे. टेंपो संघ के दिनेश चौबे ने कहा कि हमारा व्यापार खत्म होगा, तो किसी को चैन से नहीं रहने देंगे. आरजीटीए के अध्यक्ष सुनील सिंह चौहान ने कहा कि हमें ट्रांसपोर्ट नगर के लिए कम-से-कम 100 एकड़ जमीन चाहिए, वह भी रिंग रोड पर. ट्रक ऑनर एसोसिएशन के शिवशंकर प्रसाद ने कहा कि पंडरा बाजार को तोड़ कर ट्रांसपोर्ट नगर बनाना एकतरफा और गलत कार्रवाई है. इस निर्णय को सरकार वापस ले. रांची चेंबर के सचिव गणेश अग्रवाल ने कहा कि पंडरा को बचाने के लिए हर संघर्ष के लिए तैयार हैं. मौके पर व्यापारी प्रतिनिधि संतोष सिंह, समिति के अध्यक्ष तरुण तिवारी, ध्रुव चौरसिया, प्रवीण सिंह, बलि राय, मदन पारीख, गुरुवचन शर्मा, सुभाष पटवारी, आनंद काबरा, संतोष डालमिया आदि उपस्थित थे. संचालन सोहन शर्मा ने किया.
कृषि मंत्री से मिला झारखंड चेंबर का प्रतिनिधिमंडल
रांची. पंडरा बाजार समिति के किराया व ट्रांसपोर्ट नगर मामले को लेकर झारखंड चेंबर प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को कृषि मंत्री रंधीर प्रसाद सिंह से उनके आवास पर मिला. प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री को ज्ञापन भी सौंपा. ज्ञापन के माध्यम से पंडरा बाजार में प्रस्तावित ट्रांसपोर्ट नगर की योजना पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया गया. साथ ही कहा गया कि ट्रांसपोर्ट नगर के निर्माण के लिए 100 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी. पंडरा बाजार में ट्रांसपोर्ट नगर बनाने से कई परेशानियां शुरू हो जायेंगी. पंडरा बाजार परिसर में 1982 से बसाया गया है. अब स्थापित हो गये हैं. ट्रांसपोर्ट नगर दूसरी जगह पर भी बसाया जा सकता है. इस पर फिर से विचार किया जाये.
पता करके पूरी जानकारी दें : किराया मामले को लेकर कृषि मंत्री ने बोर्ड के एमडी से बात की. कहा कि जब पहले से चार रुपये प्रति वर्गफीट किराया तय किया गया था, तो अब आठ रुपये प्रति वर्गफीट के हिसाब से क्यों नोटिस दिया जा रहा है. इस बारे में पता करके पूरी जानकारी दें. वहीं, ट्रांसपोर्ट नगर मामले को लेकर मंत्री ने कहा कि इस संबंध में मुख्यमंत्री से बात करेंगे. प्रतिनिधिमंडल में झारखंड चेंबर के अध्यक्ष रंजीत गाड़ोदिया, महासचिव कुणाल अजमानी, रांची चेंबर के अध्यक्ष शंभू गुप्ता, उपाध्यक्ष हरि कानोडिया, संजय माहुरी, अनिल शर्मा, आलू-प्याज संघ के अध्यक्ष रामलखन गुप्ता, मदन साहू आदि शामिल हुए.
167 व्यापारियों ने किराये पर लगा रखी हैं दुकानों
रांची : पंडरा बाजार समिति में आवंटित दुकानों को खुद न चला कर व्यापारियों ने अधिक कीमतों पर किराये पर लगा रखा है. ऐसे व्यापारियों की कुल संख्या 167 है. वर्तमान में बाजार समिति को दो रुपये प्रति वर्गफीट के हिसाब से किराया मिलता है.
यही नहीं कई ऐसे व्यापारी हैं, जो खाद्यान्न का लाइसेंस लेकर विभिन्न आइटमों का कारोबार कर रहे हैं. ऐसे व्यापारी, खाद्यान्न की जगह कॉस्मेटिक, बिस्किट, चॉकलेट, अगरबत्ती, झाड़ू, डिस्पोजेबल आइटम, अगरबत्ती, मिक्सचर, स्टेशनरी आइटम की बिक्री कर रहे हैं. इसकी संख्या कुल 70 है. पंडरा बाजार समिति की ओर से एसडीओ को सौंपी गयी रिपोर्ट में इसका उल्लेख किया गया है. रिपोर्ट में व्यापारियों के दुकान संख्या से लेकर नाम की पूरी सूची सौंपी गयी हैं.
177 व्यापारियों ने किया है अतिक्रमण : रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख है कि कुल 177 व्यापारियों ने बाजार समिति में अतिक्रमण कर रखा है. दुकानों के बाहर अतिक्रमण कर लिया है. जबकि एक ही परिवार के एक से अधिक सदस्यों को आवंटित दुकानों की संख्या कुल 58 है. एक से अधिक दुकान वाले व्यापारियों की संख्या 57 है. बंद पायी गयी दुकानों एवं गोदामों की संख्या कुल 80 है. इसमें मुख्य बाजार परिसर एवं टर्मिनल मार्केट यार्ड को शामिल किया गया है. यही नहीं, कई महीनों से किराया नहीं देने वाले डिफॉल्टरों की सूची भी दी गयी है. एसडीओ ने ऐसे सभी उल्लंघनकर्ताओं पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. इन सभी मामलों को लेकर बाजार समिति ने ऐसे व्यापारियों को नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है. उन्हें एक सप्ताह का समय दिया गया है.
पंडरा का मामला मेरे पास नहीं, खुद बॉस देख रहे : सीपी सिंह
नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने कहा है कि पंडरा में ट्रांसपोर्ट नगर बनाने का मामला राज्य के मुखिया के पास है. मैं सरकार में मंत्री हूं. यह मामला मेरे बॉस देख रहे हैं, तो इसमें मैं कुछ नहीं कर सकता है. मंत्री की हैसियत से फाइल मेरे पास आयेगी, तो फिर देखा जायेगा. राज्य के मुख्यमंत्री संवेदनशील हैं. सरकार विकास के लिए कार्य कर रही है. जब खुद मुख्यमंत्री मामले को देख रहे हैं, तो उसमें अभी मैं क्या कह सकता हूं. मंत्री श्री सिंह ने कहा कि वहां कोई विस्थापित नहीं होगा. कोई दुकानदार नहीं उजाड़े जायेंगे. भाड़ा में दुकान देने वालों या दुकान बंद रखने वालों के बारे में कुछ नहीं कह सकता हूं. यह पूछने पर कि दुकानदार तो आपसे शिकायत करते हैं, आप पर भरोसा है. श्री सिंह ने कहा : मुझसे बात करते हैं, तो मैं उनके समस्या का निदान भी करता हूं. अभी पंडरा के मामला मेरे पास नहीं है, तो क्या करूंगा. मुझ पर लोगों को विश्वास है, तो अच्छी बात है.