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पंडरा में नहीं बनना चाहिए ट्रांसपोर्ट नगर, प्रभात खबर की परिचर्चा में बोले व्यापारी

राज्य सरकार ने पंडरा कृषि बाजार परिसर में ट्रांसपोर्ट नगर के निर्माण की योजना तैयार की है. मुख्यमंत्री रघुवर दास इस योजना को लेकर गंभीर हैं और वे खुद पंडरा बाजार का मुआयना कर चुके हैं. वहीं, इसके लिए सर्वे का काम भी शुरू हो चुका है. इधर, जैसे ही इस योजना की घोषणा सरकार […]

राज्य सरकार ने पंडरा कृषि बाजार परिसर में ट्रांसपोर्ट नगर के निर्माण की योजना तैयार की है. मुख्यमंत्री रघुवर दास इस योजना को लेकर गंभीर हैं और वे खुद पंडरा बाजार का मुआयना कर चुके हैं. वहीं, इसके लिए सर्वे का काम भी शुरू हो चुका है. इधर, जैसे ही इस योजना की घोषणा सरकार द्वारा की गयी, इसका विरोध शुरू हो गया. पंडरा बाजार के व्यापारी और झारखंड चेंबर नहीं चाहते हैं कि यहां ट्रांसपोर्ट नगर बसे. वे इस पर अपना विरोध भी सरकार के समक्ष दर्ज करा चुके हैं. हालांकि, सरकार अपने फैसले पर कायम है. ‘प्रभात खबर’ ने सोमवार काे पंडरा बाजार परिसर में एक परिचर्चा का आयोजित की, जिसमें ट्रांसपोर्ट नगर को लेकर यहां के व्यापारियों की राय जानने की कोशिश की गयी.
रांची: प्रभात खबर की ओर से आयोजित परिचर्चा में पंडरा कृषि बाजार के व्यापारियों ने कहा कि किसी भी हाल में यहां ट्रांसपोर्ट नगर नहीं बनना चाहिए. सरकार एक ओर लोगों को बसाने की व्यवस्था कर रही है. वहीं, दूसरी ओर बसे-बसाये लोगों को उजाड़ने की तैयारी चल रही है. यह उचित नहीं है.
व्यापारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री रघुवर दास, उनके मंत्रियों अौर अधिकारियों को एक बार पुन: इस योजना पर विचार करना चाहिए. सरकार के अधिकारियों को पड़ोसी राज्यों में जाकर देखना चाहिए कि वहां कैसे अौर कहां पर ट्रांसपोर्ट नगर बसाकर शहर को विकसित किया गया है. साथ ही रोजगार के नये अवसर सृजित किये गये हैं. सरकार को चाहिए कि वह पंडरा को छोड़कर किसी दूसरी जगह की तलाश करे, जहां ट्रांसपोर्ट नगर बसाया जा सके. परिचर्चा में मौजूद रांची ब्रोकर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अरुण कुमार ने कहा कि उनका संघ पंडरा के व्यवसायियों के साथ है. परिचर्चा में रवि शर्मा, शिव प्रकाश, संजू अग्रवाल, अरुण कुमार, राहुल चौधरी, राजेश जैन, पप्पू चौधरी सहित अन्य व्यापारी उपस्थित थे.
पंडरा बाजार में ट्रांसपोर्ट नगर नहीं बनना चाहिए. यहां इसका कोई औचित्य नहीं है. दूसरों को बसाने के लिए हमें यहां से उजाड़ने का नैतिक अधिकार सरकार को नहीं है.
संतोष सिंह, व्यापारी प्रतिनिधि, बाजार समिति
यहां छह दिनों तक बाजार खुला रहता है. ऐसे में यहां ट्रांसपोर्ट नगर कैसे बनेगा? इसका साफ मतलब है कि बाजार उजाड़ दिया जायेगा. हमें उजाड़कर यहां ट्रांसपोर्ट नगर बनाना नाइंसाफी है.
वेद भूषण जैन, व्यापारी
हम मुख्यमंत्री के घोषणा की निंदा करते हैं. यहां किसी भी कीमत पर ट्रांसपोर्ट नगर नहीं बनना चाहिए. इससे हमारी रोजी-रोटी जुड़ी है. सैकड़ों लोग बेरोजगार हो जायेंगे.
पंकज चौधरी, व्यवसायी
मुख्यमंत्री का यह फैसला कहीं से उचित नहीं है. उनके इस फैसले से करोड़ों रुपये का व्यापार प्रभावित होगा अौर हजारों लोग बेरोजगार हो जायेंगे. इस पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए.
तरुण तिवारी, व्यवसायी
यहां किसी भी हाल में ट्रांसपोर्ट नगर नहीं बनना चाहिए. इसके लिए सरकार को किसी दूसरे जगहों की तलाश करनी चाहिए. सरकार के इस फैसले का हम सभी विरोध कर रहे हैं.
भगवान दास काबरा, व्यवसायी
सरकार यहां के व्यवसायियों को बेदखल न करे अौर न ही हमलोगों की भावनाअों व रोजगार से खेले. सरकार को चाहिए कि वे इस मामले का निदान निकाले .
रघुनाथ प्रसाद चौधरी, व्यवसायी
हम व्यापारी यहां कि एक इंच जमीन भी किसी दूसरे कार्य के लिए नहीं देने देंगे. सरकार के फैसले से हमलोगों की नींद उड़ गयी है. हमारी मांगों पर सरकार विचार करे.
संजय अग्रवाल, व्यवसायी
यहां से सैकड़ों व्यापारियों, मजदूरों और अन्य रोजगार करनेवालों की रोजी-रोटी चलती है. इतने लोगों का रोजगार छीनकर दूसरों को बसाना कहीं से उचित नहीं है.
गोपाल अग्रवाल, व्यवसायी
हमलोग यहां पिछले कई दशकों से कारोबार करते आ रहे हैं. सरकार को चाहिए कि वह हमलोगों उजाड़ने के बजाय किसी और जगह पर ट्रांसपोर्ट नगर का निर्माण कराये.
प्रमोद कृष्ण चौधरी, व्यवसायी
हमने काफी मेहनत से इस मंडी को बसाया है. ऐसे में हमें हटाना कहीं से भी न्याय संगत नहीं है. मुख्यमंत्री से गुजारिश है कि वे 35 वर्षों से बसी इस मंडी को नहीं उजाड़ें.
ध्रुव कुमार चौरसिया, व्यवसायी

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