रांची : राजधानी रांची की पुलिस कितनी संवेदनशील और एक्टिव है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक छोटे से मामले में सनहा तब दर्ज किया गया, जब थाना क्षेत्र के ही पीड़ित युवक को न्याय दिलाने के लिए देर रात नगर विकास मंत्री सीपी सिंह को खुद थाना आना पड़ा. घटना […]
रांची : राजधानी रांची की पुलिस कितनी संवेदनशील और एक्टिव है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक छोटे से मामले में सनहा तब दर्ज किया गया, जब थाना क्षेत्र के ही पीड़ित युवक को न्याय दिलाने के लिए देर रात नगर विकास मंत्री सीपी सिंह को खुद थाना आना पड़ा. घटना रविवार रात की है.
हुआ यूं कि पर्स गिर जाने पर सनहा दर्ज कराने के लिए युवक सोनू कुमार राज सुखदेवनगर नगर थाना आया था. वह शाम छह बजे से रात साढ़े आठ बजे तक यानी ढ़ाई घंटे तक थाने का चक्कर काटता रहा, लेकिन थाने में किसी ने उसकी बात तक नहीं सुनी. थाना की महिला मुंशी उसे कभी एफिडेविट कराने, कभी बड़ा बाबू के नहीं रहने, ताे कभी ओडी अफसर के आने पर रिसीविंग देने की बात कह कर घुमाती रही़ परेशान होकर सोनू ने मामले की जानकारी अपने मित्र शंभूनाथ उपाध्याय को दी़ उन्होंने नगर विकास मंत्री सह रांची के विधायक सीपी सिंह को घटना की जानकारी दी.
मंत्री ने महिला मुंशी से बात की, तो उसने मंत्री को बताया कि बड़ा बाबू या कोई दारोगा के आने के बाद ही रिसीविंग दी जा सकती है़ इतना सुनते ही सीपी सिंह सुखदेवनगर थाना पहुंच गये. मंत्री के थाना आने की जानकारी मिलते ही कोतवाली डीएसपी भोला प्रसाद सिंह, सुखदेवनगर थाना प्रभारी नवल किशोर सिंह आनन-फानन में पहुंचे़ तब जाकर सनहा दर्ज किया गया.
क्या है मामला : जानकारी के मुताबिक सुखदेवनगर थाना क्षेत्र के शारदा चरण मित्रा लेन, पहाड़ी टोला निवासी सोनू कुमार राज का पर्स शाम चार बजे घर से मिनाक्षी सिनेमा हॉल की तरफ जाने के क्रम मेें गिर गया़ पर्स में एसबीआइ व विजया बैंक का एटीएम कार्ड, पैनकार्ड व कुछ रुपये थे़ उसी मामले में सनहा दर्ज कराने सोनू थाना पहुंचा था़ लेकिन उसकी बात वहां सुनने के लिए कोई तैयार नहीं था. थक हार कर दोस्त के जरिये मंत्री सीपी सिंह से मदद ली.
सीपी सिंह ने कहा कि जनता के बुलावे पर वे दिन तो क्या, रात दो बजे भी कहीं भी पहुंच जायेंगे. हम जनता के सेवक है़ं जनता ही जब पीड़ित रहेगी, तो जन प्रतिनिधि होने का क्या मतलब. सनहा के लिए एफिडेविट कराने की तो कोई बात ही नहीं होनी चाहिए़ उन्होंने कहा कि रांची ही क्या झारखंड में सभी थानाें का यही हाल है़ छोटा सा सनहा दर्ज करने के लिए भी जनता को दो दिन लगता है़ जबकि सनहा की रिसीविंग तुरंत मिलनी चाहिए़ लेकिन छोटे से काम के लिए भी थाना का चक्कर लगना पड़ता है़