रांची: राजभवन द्वारा पिछले लगभग नौ माह से राज्य के चार विश्वविद्यालयों में वीसी और एक प्रोवीसी की नियुक्ति नहीं किये जाने से कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. दो विवि में अगस्त 2013 और दो अन्य विवि में नवंबर 2013 से वीसी के पद रिक्त हैं.
सर्च कमेटी ने नामों का पैनल राजभवन भेज दिया है, लेकिन राज्यपाल सह कुलाधिपति चार वीसी व एक प्रोवीसी की नियुक्ति के लिए अंतिम निर्णय नहीं ले पा रहे हैं. विनोबा भावे विवि, कोल्हान विवि व नीलांबर-पीतांबर विवि प्रमंडलीय आयुक्त के हवाले है, जबकि सिदो-कान्हू मुरमू विवि में प्रोवीसी द्वारा वीसी का काम देखा जा रहा है. लगभग 60 उम्मीदवार नियुक्ति के साक्षात्कार में हिस्सा लिया था. तीन माह तो शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव द्वारा सर्च कमेटी के गठन पर सवाल उठाये जाने से बीत गये. इसके बाद लोकसभा चुनाव में आचार संहिता लगने, महाधिवक्ता से राय लेने, फिर चुनाव आयोग से क्लियरेंस लेने में समय बीत गया. अब बताया जा रहा है कि राज्यपाल नियुक्ति से पूर्व मुख्यमंत्री से सलाह लेंगे. इसके बाद ही नामों पर अंतिम निर्णय लिया जा सकेगा.
दूसरी तरफ शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव ने स्पष्ट किया है कि जब तक शिक्षा विभाग से नामों के संबंध में राज्यपाल द्वारा परामर्श नहीं लिया जायेगा, शिक्षा विभाग इसे नहीं मानेगा. जबकि विवि एक्ट के अनुसार वीसी व प्रोवीसी की नियुक्ति का पूरा अधिकार राज्यपाल सह कुलाधिपति के पास है. राज्य सरकार से सिर्फ परामर्श लिया जा सकता है. इधर चर्चा है कि सर्च कमेटी द्वारा जो नाम राज्यपाल के पास भेजे गये हैं, उनमें एम रजिउद्दीन, एमए मल्लिक, आरपीपी सिंह, सत्यनारायण मुंडा, एसएमपीएन सिंह शाही, पीके बरहई, विमल कुमार मिश्र आदि के नाम शामिल हैं. हालांकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पायी है.
नियुक्ति नहीं होने से कामकाज प्रभावित
वीसी व प्रोवीसी की नियुक्ति नहीं होने से विवि के शैक्षणिक, प्रशासनिक व वित्तीय कार्य प्रभावित हो रहे हैं. प्रमंडलीय आयुक्त द्वारा सिर्फ रूटीन कार्य निबटाये जा रहे हैं. विवि व कॉलजों के कामकाज में आयुक्त द्वारा पूरा समय नहीं दिये जाने से शैक्षणिक गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं.