संजय
रांची : स्वास्थ्य विभाग की लेट-लतीफी से स्वास्थ्य केंद्रों की निर्माण लागत बढ़ गयी है. औसतन 3.53 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर पांच करोड़ रुपये तक खर्च हो रहे हैं. विभाग रिवाइज्ड बजट की अनुमति देकर खर्च बढ़ा रहा है. राज्य में 188 सीएचसी हैं.
इनमें 155 केंद्रों का नया भवन बनाया जा रहा है. एनआरएचएम 22 और राज्य योजना के तहत 133 केंद्रों का निर्माण हो रहा है. इनपर औसत लागत 3.35 करोड़ रुपये तय की गयी थी, लेकिन पांच वर्षो से भी अधिक समय से निर्माणाधीन करीब 50 सीएचसी की लागत में औसतन 30 लाख रुपये का इजाफा हो गया है. यानी करीब 15 करोड़ रुपये की वृद्धि हो गयी है.
कार्य की स्थिति : दिसंबर 2013 तक की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य योजना से बन रहे 133 सीएचसी में 36 का ही निर्माण पूरा हुआ है.
12 का काम शुरू ही नहीं हुआ, जबकि छह सीएचसी मनिका, हंटरगंज, इटखोरी, बिरनी, चुरचू व चंदवारा का काम अभी बंद है. इनमें डुमरी, पालकोट, कामडारा व गढ़वा केंद्रों को जमीन नहीं मिलने सहित अन्य कारणों से सरेंडर कर दिया गया है.