रांची : राज्य में भूख से मौत और रोजगार पर हमले के विरोध में माले ने शनिवार को राजभवन के सामने जन पंचायत का आयोजन किया. इसमें लोगों की बातें सुनी गयी. माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्या ने कहा कि रघुवर सरकार ने सामाजिक कल्याण की योजनाओं को लूट योजना में तब्दील कर दिया […]
रांची : राज्य में भूख से मौत और रोजगार पर हमले के विरोध में माले ने शनिवार को राजभवन के सामने जन पंचायत का आयोजन किया. इसमें लोगों की बातें सुनी गयी. माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्या ने कहा कि रघुवर सरकार ने सामाजिक कल्याण की योजनाओं को लूट योजना में तब्दील कर दिया है. यही कारण है कि 20 लाख गरीब राशन कार्ड से वंचित हो चुके हैं.
आधार के साथ इस योजना को जोड़ने की वजह से गरीबों को नियमित अनाज मिलना मुश्किल हो गया है. इससे भूख से मौतों का सिलसिला बढ़ चुका है. पिछले एक माह में गुमला में एक, धनबाद में एक, देवघर में एक और गढ़वा में दो मौत हो चुकी है. राशन लूट के साथ ही राज्य में बड़े पैमाने पर भूमि लूट की जा रही है. गैर मजरुआ व सरकारी जमीनों को गरीबों में बांटने के बदले भूमि बैंक बनाकर काॅरपोरेट घरानों को सस्ते दरों पर भूमि दी जा रही है. खनिज देकर राज्य को लूट का चारागाह बना दिया गया है.
गरीबों को जिंदा रहने के लिए रोजगार योजना मनरेगा, डोभा इत्यादि के नाम पर लूट हो रही है. श्री भट्टाचार्या ने कहा कि जनता के इन बुनियादी सवालों को हल करने में विफल रघुवर सरकार राज्य में धर्म स्वतंत्र बिल लाकर सांप्रदायिक उन्माद भड़काने व अल्पसंख्यकों को हमला का शिकार बनाने में लगी है.
अस्पष्ट नीति के कारण परेशानी बढ़ी
समाजशास्त्री ज्यां द्रेज ने कहा कि राज्य सरकार की अस्पष्ट नीति के कारण लोगों को परेशानी हो रही है. स्थिति भूख से मौत तक पहुंच गयी है. इसके बाद भी सरकार सुधरने का नाम नहीं ले रही है. माले केंद्रीय कमेटी के सदस्य पूर्व विधायक विनोद सिंह ने कहा कि सरकार को गरीबों की चिंता नहीं है. वह कॉरपोरेट घरानों को खुश करने में लगी है. इस कारण गरीबों की जमीन छीन कर कॉरपोरेट घरानों को देने की योजना पर काम कर रही है. पार्टी के राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद ने भी सरकार की नीतियों की आलोचना की. गरीबों की योजनाओं का हाल बेहाल है. स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही है. दिनोंदिन गरीबों को मौत के मुंह में ढकेला जा रहा है. कार्यक्रम का संचालन माले नेता भुनेश्वर केवट ने किया. माले नेता बशीर अहमद, अनिल अंशुमन, नदीम खान, त्रिदीव घोष ने भी विचार रखे.