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मिथिलांचल की गौरवशाली परंपरा का हिस्सा है पर्व : मीना
रांची : झारखंड मैथिली मंच ने भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक का पर्व सामा-चकेवा शुक्रवार को विद्यपति दालान हरमू में मनाया. इस अवसर पर मुख्य अतिथि शिक्षा विभाग की निदेशक मीना ठाकुर ने कहा कि सामा-चकेवा मिथिलांचल की गौरवशाली परंपरा का हिस्सा है. महिलाएं डाला-चंगेरा में मूर्तियां सजा कर लायी थीं. महिलाओं ने समूह में […]
रांची : झारखंड मैथिली मंच ने भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक का पर्व सामा-चकेवा शुक्रवार को विद्यपति दालान हरमू में मनाया. इस अवसर पर मुख्य अतिथि शिक्षा विभाग की निदेशक मीना ठाकुर ने कहा कि सामा-चकेवा मिथिलांचल की गौरवशाली परंपरा का हिस्सा है. महिलाएं डाला-चंगेरा में मूर्तियां सजा कर लायी थीं. महिलाओं ने समूह में पूजन किया व लोक गीत गाते हुए अपने भाइयों की लंबी आयु की कामना की. खेत में मूर्तियों का विसर्जन किया गया.
कार्यक्रम में डाला-चंगेरा लानेवाली सभी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया. पूजा के बाद उपस्थित लोगों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया. इससे पहले कार्यक्रम का शुभारंभ समूह गान भगवती गीत : हे अहां मैया छी… से हुई.
इसके बाद महिलाओं ने हमरी छी राजा भैया…, सामा अयलिह सामा अयलिह…, गाम के अधिकारी भैया…, साम चके साम चके अबिह हे… गीत प्रस्तुत किया. रजनी झा व अनीता झा ने : चुगला लगन बिता क अयलै ससुरारि में…, पाकल पाकल दाढ़ी में… गीत गाये. इन गीतों पर लोगों ने खूब ठहाका लगाया. कार्यक्रम में दुर्गा झा, महालक्ष्मी झा और गुना देवी को सम्मानित किया गया. अति विशिष्ट डाला का पुरस्कार मंजू झा को दिया गया. इस अवसर पर बबीता झा, पूनम मिश्रा, शैल झा उपस्थित थीं.
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