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RANCHI : अब सभी भवनों में सोलर प्लांट लगाना जरूरी

झारखंड स्टेट सोलर रूफ टॉप पॉलिसी 2017 सुनील चौधरी रांची : अब सभी निजी और सरकारी भवनों में रूफ टॉप सोलर पावर प्लांट लगाना अनिवार्य होगा. राज्य सरकार ने झारखंड स्टेट सोलर रूफ टॉप पॉलिसी 2017 का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. ड्राफ्ट ऊर्जा विभाग की एजेंसी जेरेडा ने तैयार किया है. इस ड्राफ्ट पर […]

झारखंड स्टेट सोलर रूफ टॉप पॉलिसी 2017
सुनील चौधरी
रांची : अब सभी निजी और सरकारी भवनों में रूफ टॉप सोलर पावर प्लांट लगाना अनिवार्य होगा. राज्य सरकार ने झारखंड स्टेट सोलर रूफ टॉप पॉलिसी 2017 का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. ड्राफ्ट ऊर्जा विभाग की एजेंसी जेरेडा ने तैयार किया है. इस ड्राफ्ट पर जनता की राय ली जायेगी. इसके बाद इसे अंतिम रूप दिया जायेगा. अधिसूचना जारी होने की तिथि से यह प्रभावी होगा.
सौर ऊर्जा से 500 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य
सरकार ने प्रदूषण मुक्त ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह नीति तैयार की है.सरकार ने अगले पांच वर्षों (वर्ष 2021-22 ) में रूफ टॉप से 500 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसके लिए सोलर रूफ टॉप पावर प्लांट को अनिवार्य करने की तैयारी की जा रही है. सोलर प्लांट कोई भी व्यक्ति, संस्था, कंपनी आदि लगा सकते हैं. इसके लिए अलग-अलग कैटोगेरी बनायी गयी है. सभी को वर्तमान लोड का 10 फीसदी या एक किलोवाट का सोलर प्लांट लगाना होगा.
जेरेडा को बनाया गया नोडेल एजेंसी
ड्राफ्ट के अनुसार, सौर ऊर्जा के लिए नोडल एजेंसी जेरेडा को बनाया गया है. जेरेडा नगर विकास विभाग को बिल्डिंग बायलॉज में संशोधन की अनुशंसा करेगा, ताकि इसके अनुरूप उन्हीं भवनों का नक्शा पास हो, जो सोलर पावर प्लांट लगाने की व्यवस्था करें. झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग ग्रिड कनेक्टेड सोलर पावर प्लांट के लिए दर का निर्धारण करेगा.इसी के अनुरूप बिजली वितरण कंपनी पावर प्लांट लगानेवालों को भुगतान करेगी.
3000 वर्ग फीट से अधिक बिल्ट अप एरियावाले सभी निजी और सरकारी भवन के लिए होगा अनिवार्य
किन्हें लगाना होगा सोलर प्लांट
शहरी क्षेत्र में स्थित में सभी आवासीय भवन, जिनका बिल्ट अप एरिया 3000 वर्ग फीट का है. इन्हें बिजली के कुल लोड का 10 प्रतिशत या एक किलोवाट का प्लांट लगाना होगा.
सभी सरकारी भवन, कार्यालय, शैक्षणिक संस्थान, स्कूल, कॉलेज, हॉस्टल, टेक्निकल, वोकेशनल शैक्षणिक संस्थान, यूनिवर्सिटी, जिनका बिजली का लोड 30 किलोवाट या इससे अधिक है, उन्हें पांच किलोवाट क्षमता का प्लांट लगाना होगा.
सभी निजी अस्पताल, नर्सिंग होम, उद्योग, कॉमर्शियल संरचना, मॉल्स, होटल, मोटल्स, बंक्वेट हॉल और पर्यटक केंद्र. इन्हें 10 से लेकर 50 किलोवाट क्षमता के प्लांट लगाने होंगे. क्षमता का निर्धारण लोड के अनुरूप किया गया है.
सभी हाउसिंग कॉम्पलेक्स, बिल्डर्स और हाउसिंग बोर्ड को प्लॉट को साइज के अनुरूप प्लांट लगाने होंगे. एक एकड़ तक में 10 किलोवाट, दो एकड़ तक में 20 किलोवाट, पांच एकड़ तक में 30 किलोवाट और पांच एकड़ से अधिक में 40 किलोवाट क्षमता का प्लांट लगाना होगा.
सभी वाटर लिफ्टिंग, पंपिग स्टेशन में भी 10 किलोवाट क्षमता का प्लांट लगाना होगा
मिलेगा अनुदान
सरकार भवनों से उत्पादित बिजली को ग्रिड से जोड़ेगी. इसके लिए भवन स्वामी को पैसे का भुगतान भी किया जायेगा. सरकार रूफ टॉप प्लांट लगानेवालों को अनुदान भी देगी. प्लांट लगाने पर कुछ राशि सब्सिडी के रूप में भी दी जायेगी.
उपभोक्ताओं को कन्वर्सन चार्ज में छूट दी जायेगी. प्लांट लगाने पर भवन की ऊंचाई प्रभावित नहीं होगी. किसी प्रकार का एनओसी प्रदूषण नियंत्रण पर्षद से लेने की जरूरत नहीं होगी. प्लांट लगाने की अनुमति 15 दिनों में दी जायेगी. राज्य सरकार सौर उद्योग को प्राथमिक उद्योग के रूप में घोषित करेगी.
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी
पॉलिसी को लागू करने और इसकी मॉनीटरिंग के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनेगी. कमेटी में ऊर्जा सचिव, नगर विकास सचिव, वित्त सचिव, नियामक आयोग के सचिव, रांची नगर निगम के आयुक्त व बिजली वितरण निगम के एमडी सदस्य होंगे. जेरेडा का निदेशक सदस्य सचिव होंगे.

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