रामलीला में रावण, कुंभकर्ण व विभीषण का जन्म दिखाया गया. इससे पहले नारद मोह व विश्व मोहिनी स्वयंवर का प्रदर्शन किया गया. नारद जी को अपनी बुद्धिमानी पर बहुत घमंड हो गया था. वह मोहिनी से विवाह करना चाहते थे. इसलिए भगवान विष्णु के पास सुंदर रूप पाने के लिए गये. भगवान विष्णु उनकी चाल समझ गये और उन्हें बंदर का रूप दे दिया.
जब उन्होंने स्वयंवर के बाद अपना रूप पानी में देखा, तब उन्हें इस बात का भान हुआ और उन्होंने भगवान विष्णु से क्षमा मांगी. इस अवसर पर अजय नाथ शाहदेव, मुनचुन राय, नरेंद्र कुमार सिंह मुख्य रूप से उपस्थित थे. वहीं, रामलीला समिति से मुन्ना कुमार, मिथलेश सिंह, सुदर्शन सिंह, प्रमोद मिश्रा, मनीष प्रकाश, मेजर बीके तिवारी, रंजीत कुमार, बोदी साव, कामेश्वर सिंह, सतेंद्र सिंह व गुड्डू सिंह उपस्थित थे.