कुलपति गुरुवार को दीनदयाल अंत्योदय योजना अंतर्गत बिरसा कृषि विवि में चल रहे मुखिया प्रशिक्षण कार्यक्रम के चौथे बैच के समापन सत्र में बोल रहे थे. डॉ कौशल ने कहा कि किसान अगर स्वयं सहायता समूह तथा को-ऑपरेटिव बनाकर काम करें, तो राशि की उपलब्धता सहज होगी तथा लाभ भी बढ़ेगा. कार्यक्रम में गिरिडीह जिला के देवरी, तिसरी, गांडेय,पीरटांड प्रखंड, हजारीबाग जिला के चुरचू प्रखंड तथा पूर्वी सिंहभूम जिला के पटमदा प्रखंड के कुल 88 मुखिया तथा पांच पदाधिकारियों ने भाग लिया.
कई मुखिया ने कहा कि पंचायत में परंपरागत विधि से खेती होती रही है, लेकिन अब वे उन्नत प्रभेदों की प्रौद्योगिकी आधारित एवं मशीनीकृत खेती को प्रोत्साहित करना चाहेंगे. इसी प्रकार कई लोगों ने अपने क्षेत्र में मुर्गी की झारसीम तथा सूअर की झारसुक नस्ल बढ़ाने की बात कही. कार्यक्रम को दूरदर्शन के ब्रजेश कुमार ने भी संबोधित किया. इससे पूर्व आगंतुकों का स्वागत शिक्षा निदेशक डॉ जगरन्नाथ उरांव तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ निभा बाड़ा ने किया.