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शर्मनाक: दकियानूसी सोच के खिलाफ पोतियों ने छेड़ी जंग भाई नहीं है, इसलिए घर से निकालना चाहते हैं दादाजी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर मुख्यमंत्री रघुवर दास तक ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा दे रहे हैं. देश भर में बेटियों को बेटों के समान दर्जा देने की मुहिम चलायी जा रही है. यहां तक की झारखंड के सुदूर गांवों में लोग अपने घरों के बाहर बेटियों के नाम की नेमप्लेट लगा रहे हैं, […]

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर मुख्यमंत्री रघुवर दास तक ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा दे रहे हैं. देश भर में बेटियों को बेटों के समान दर्जा देने की मुहिम चलायी जा रही है. यहां तक की झारखंड के सुदूर गांवों में लोग अपने घरों के बाहर बेटियों के नाम की नेमप्लेट लगा रहे हैं, ताकि बेटियों का मनोबल ऊंचा हो. लेकिन, राजधानी रांची में तीन बेटियां दकियानूसी सोच का शिकार हो रही हैं. यहां बात हो रही है सुखदेवनगर थाना क्षेत्र के रातू रोड स्थित मेट्रो गली निवासी ट्विंकल और उसकी दो बहनों की.
रांची : ट्विंकल और उसकी छोटी बहन रविवार को अलबर्ट एक्का चौक पर बैनर लेकर प्रदर्शन कर रही थीं और सरकार से अपना हक दिलाने की मांग रही थीं. अपने दादा की प्रताड़ना और पारिवारिक कलह से परेशान ट्विंकल ने बताया, ‘हमारे दादा प्रीतम दास गाबा हमें परेशान करते रहते हैं. वे हमारे पिता किशोर गाबा और हम सभी को सिर्फ इसलिए घर से निकाल देने चाहते हैं क्योंकि हमारा कोई भाई नहीं है. दादाजी कभी पानी बंद कर देते हैं, तो कभी हमारे कमरे की लाइट काट देते हैं. हम उनकी इस प्रताड़ना से तंग आ चुके हैं.’
रातू रोड में ही चाय की दुकान चलाते हैं पिता
ट्विंकल ने बताया कि तीन बहनों में वह सबसे बड़ी है और 11वीं कक्षा में पढ़ती है. जबकि, दोनों छोटी बहनें 10वीं और 9वीं में पढ़ती हैं. उसके पिता रातू रोड में ही चाय की एक छोटी सी दुकान चलाते हैं, जिससे पूरे परिवार का भरण-पोषण होता है. साथ ही उनकी पढ़ाई का खर्च भी चलता है. पिता पढ़ा-लिखाकर बेटियों को उनके पैरों पर खड़ा करना चाहते हैं, लेकिन कोई बेटा नहीं होने की वजह से उनके दादाजी उसके पिताजी को घर से निकाल देना चाहते हैं.
किराये के घर में रहने की हैसियत नहीं हमारी
बकौल ट्विंकल, दादाजी मेरे पिता जी से कहते हैं कि तुम्हारा कोई बेटा नहीं है, इसलिए इन बेटियों के लिए तुम्हे घर में हिस्सा नहीं मिलेगा. दादाजी हर रोज झगड़ा करते हैं. नम आंखों से ट्विंकल ने बताया कि उसके पिता की इतनी हैसियत नहीं कि वे पूरे परिवार को लेकर किराये के मकान में रह सकें. दोनों बहनों ने कहा कि थाने में मध्यस्थता और बाल संरक्षण आयोग में शिकायत के बाद भी कोई उपाय नहीं निकल पाया है. ऐसे में केवल प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से ही न्याय की आस है.
दादा प्रीतम दास बोले
इन लोगों ने दो साल से परेशान कर रखा हैप्रीतम दास गाबा ने कहा कि मैं तो उसे मकान में हिस्सा देना चाहता हूं, लेकिन वे लोग लेना नहीं चाहते़ दो साल से परेशान कर रखा है़ मेरी पत्नी नहीं है, मैं किस हाल में हूं, कोई देखने वाला नहीं है़ मेरी बेटियां है़ं मैं शेयर देकर उनके पास या अपनी मौसी के पास रहने जाना चाहता हू़ं बंटवारा के लिए समाज की पंचायत हुई, लेकिन वे पंचायत में अाना नहीं चाहते़ वे पूरी प्रॉपर्टी लेना चाहते है़ं रविवार को तो उनलोगों ने मेरी बाइक भी जलाने का प्रयास किया़ डेढ़ साल पहले मैंने अपने घर पर किरायेदार रखा था. इससे कुछ पैसे आ जाते थे. खर्चा निकल जाता था. लेकिन, इन लोगों ने किरायेदार को भी परेशान कर भगा दिया.

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