रिम्स निदेशक डॉ बीएल शेरवाल के आदेश पर गठित इस कमेटी में डॉ आरजी बाखला, डॉ जेके मित्रा एवं डाॅ डीके सिन्हा को शामिल किया गया है. डॉ शेरवाल ने कहा कि डॉ एके चौधरी पहले से ही रिम्स विजिलेंस कमेटी में हैं, इसलिए उनको किसी जांच टीम में शामिल नहीं किया जा सकता है. प्रबंधन स्तर से बनायी गयी टीम में चूक हुई है, इसलिए सुधार किया गया है. डॉ शेरवाल ने कहा कि टीम द्वारा की गयी जांच में क्रमबद्ध रिपोर्ट तैयार नहीं की गयी है. जांच की प्रक्रिया सही नहीं है. नयी टीम बनाने का यह भी एक कारण है. टीम को क्रमबद्ध तरीके से शीघ्र जांच कर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है.
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ऑपरेशन में लापरवाही की जांच के लिए बनी नयी कमेटी
रांची : यूरोलॉजी विभाग में कांके निवासी गुड़िया के ऑपरेशन में लापरवाही बरतने मामले की जांच के लिए रिम्स प्रबंधन ने नयी जांच कमेटी गठित की है. इस मामले में डॉ अफसर आलम व डॉ अरशद जमाल को सस्पेंड किया जा चुका है. रिम्स निदेशक डॉ बीएल शेरवाल के आदेश पर गठित इस कमेटी में […]
रांची : यूरोलॉजी विभाग में कांके निवासी गुड़िया के ऑपरेशन में लापरवाही बरतने मामले की जांच के लिए रिम्स प्रबंधन ने नयी जांच कमेटी गठित की है. इस मामले में डॉ अफसर आलम व डॉ अरशद जमाल को सस्पेंड किया जा चुका है.
रिम्स निदेशक डॉ बीएल शेरवाल के आदेश पर गठित इस कमेटी में डॉ आरजी बाखला, डॉ जेके मित्रा एवं डाॅ डीके सिन्हा को शामिल किया गया है. डॉ शेरवाल ने कहा कि डॉ एके चौधरी पहले से ही रिम्स विजिलेंस कमेटी में हैं, इसलिए उनको किसी जांच टीम में शामिल नहीं किया जा सकता है. प्रबंधन स्तर से बनायी गयी टीम में चूक हुई है, इसलिए सुधार किया गया है. डॉ शेरवाल ने कहा कि टीम द्वारा की गयी जांच में क्रमबद्ध रिपोर्ट तैयार नहीं की गयी है. जांच की प्रक्रिया सही नहीं है. नयी टीम बनाने का यह भी एक कारण है. टीम को क्रमबद्ध तरीके से शीघ्र जांच कर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है.
यह है मामला : गौरतलब है कि कांके के बोड़ेया निवासी गुड़िया की बायीं किडनी में पथरी है. इसके ऑपरेशन के लिए परिजनों ने उसे रिम्स के यूरोलॉजी विभाग में भरती कराया था. विभागाध्यक्ष डॉ अरशद जमाल की देखरेख में उसका इलाज शुरू हुआ. तय तारीख पर विभाग के सीनियर रेजिडेंट डॉ अफसर आलम ने उसका ऑपरेशन भी किया, लेकिन बाद में पता चला कि डॉक्टर ने बायीं की जगह पेट की दायीं ओर चीरा लगा दिया. इसके बाद से गुड़िया की मुसीबत बढ़ गयी. रिम्स की लापरवाही को छुपने के लिए उसे पहले बरियातू के जोड़ा तालाब स्थित लेक व्यू ले जाया गया. वहां पर इलाज नहीं करने के बाद जब गुड़िया को पुन: रिम्स लाने को कहा गया, तो परिजन उसे बोड़ेया स्थित घर ले आये. तब तक यह मामला शहर में चर्चा का विषय बन गया और सरकार व रिम्स की किरकिरी होने लगी. इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री के आदेश पर सिविल सर्जन गुड़िया को सदर अस्पताल में भरती कराया गया. बाद में स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर रिम्स यूरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अरशद जमाल और आरोपी डॉ अफसर आलम को सस्पेंड कर दिया. साथ ही रिम्स प्रबंधन को मामले की जांच कराने का निर्देश दिया.
कार्रवाई के लिए बनेगी इंस्टीट्यूशनल कमेटी
डाॅ शेरवाल ने बताया कि जांच कमेटी बनाने के बाद रिपोर्ट की समीक्षा कर कार्रवाई करने के लिए अलग कमेटी बनायी जायेगी. इस कमेटी में वकील, एनजीआे, डॉक्टर आदि लोग शामिल होंगे. इस कमेटी के बाद कार्रवाई होने लगेगी.
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