इस मशीन के कार्य की गति एवं विश्वसनीयता बहुत अच्छी है. प्रतिदिन लगभग 10 से 12 चक्कों को मशीन दुरुस्त कर सकता है. मशीन के लगने से ट्रेनों के परिचालन में मदद मिलेगी तथा चक्कों के दोष के कारण होने वाली दुर्घटना पर भी विराम लगेगा. श्री साहा ने कहा कि पूर्व में रांची मंडल में अगर किसी चक्का काे दुरुस्त करना पड़ता था तो उसे खड़गपुर भेजना पड़ता था.
अब इस तरह का कार्य हटिया कोचिंग डिपो में ही हो जायेगा. इस अवसर पर डीआरएम विजय कुमार गुप्ता, एडीआरएम विजय कुमार, सीनियर डीसीएम नीरज कुमार, मंडल यांत्रिक इंजीनियर एसके मंडल व अन्य अधिकारी उपस्थित थे.