रांची : सरकार ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट में प्रस्तावित संशोधन वापस ले लिया है़ संसदीय कार्यमंत्री सरयू राय ने संवाददाताआें काे यह जानकारी दी. विधानसभा परिसर में उन्हाेंने बताया कि सीएनटी-एसपीटी में संशोधन का प्रस्ताव पूर्णत: वापस हाे गया है़ राज्यपाल द्वारा संशोधन लौटाये जाने के बाद दो ही विकल्प थे़.
सरकार इस पर सदन में राज्यपाल की आपत्तियों पर विचार करती या फिर इसी संशोधन विधेयक को दाेबारा राज्यपाल के पास भेजा जाता़ वर्तमान में इसे विधानसभा में रखने की आवश्यकता महसूस नहीं की गयी़ राज्यपाल ने कहा है कि संशोधन के हेतु और उद्देश्य साफ नहीं है़.
सदन काे दी गयी सूचना : इससे पहले राज्यपाल द्रौपदी मुरमू द्वारा संशोधन पर आपत्ति की सूचना बुधवार को सदन में दी गयी़ पहले दिन संशोधन विधेयक वापस करने संबंधी जानकारी विधानसभा सत्र की कार्यसूची में नहीं थी. दूसरे दिन राज्यपाल द्वारा संशोधन वापस लिये जाने का संदेश स्पीकर दिनेश उरांव ने पढ़ कर सुनाया़ राज्यपाल ने सीएनटी-एसपीटी में संशोधन खारिज करते हुए कहा कि इसकी जरूरत, लक्ष्य और उद्देश्य को स्पष्ट नहीं किया गया है़ं राज्यपाल ने कहा है कि सीएनटी की धारा 21, धारा 49 (1) व 49 (2) में किये संशोधन स्पष्ट नहीं है़ं वहीं एसपीटी की धारा 13 में संशोधन पर भी आपत्ति जतायी है़.
राज्यपाल ने कहा कि बड़ी संख्या में इन संशोधनों के खिलाफ आवेदन मिले है़ं राज्यपाल ने सीएनटी की धारा 71 में संशोधन पर भी सवाल उठाया है़ इस बाबत कहा गया है कि सरकार सीएनटी की धारा 71 में तो संशोधन कर रही है, लेकिन ऐसा कोई संशोधन एसपीटी में नहीं किया है़ यह आंशिक संशोधन है़ पूरे राज्य में इस संशोधन काे लागू नहीं किया जा सकता है़.
24 मई को ही लौटाया था प्रस्ताव
राज्यपाल द्रौपदी मुरमू ने सीएनटी-एसपीटी में संशोधन का प्रस्ताव 24 मई को ही अपनी आपत्तियों के साथ लौटा दिया था़ राज्यपाल ने विभिन्न राजनीतिक-सामाजिक संगठनों द्वारा विरोध व आपत्तियों से संबंधित ज्ञापन भी भेजा था़ इसके बाद सरकार ने संशोधन काे दुरुस्त करने की प्रक्रिया शुरू की़ दो बार टीएसी की बैठक बुलायी गयी़