रांची शहरी क्षेत्र में शराब की कुल पांच दुकानें ही हैं. इन दोनों ही वजहों से शराब दुकानों पर बेतहाशा भीड़ बढ़ रही है. शराब के शॉर्टेज से खरीदारों की लग रही भीड़ का फायदा शराब का अवैध व्यापार करनेवाले उठा रहे हैं. शराब की कीमत प्रिंट रेट से 100 रुपये अधिक तक वसूले जा रहे हैं.
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शराब का अवैध धंधा बढ़ा प्रिंट रेट से अधिक वसूली
रांची : राज्य सरकार ने जब से शराब बेचना शुरू किया है, तब से शराब का अवैध धंधा तेजी से बढ़ा है. एक अगस्त से शराब की दुकानों की संख्या में कमी होने का फायदा ब्लैक करने वाले उठा रहे हैं. शराब की दुकानों में बिक्री के लिए निर्धारित समय दोपहर एक से रात 10 […]
रांची : राज्य सरकार ने जब से शराब बेचना शुरू किया है, तब से शराब का अवैध धंधा तेजी से बढ़ा है. एक अगस्त से शराब की दुकानों की संख्या में कमी होने का फायदा ब्लैक करने वाले उठा रहे हैं. शराब की दुकानों में बिक्री के लिए निर्धारित समय दोपहर एक से रात 10 बजे है. बीच में चार से पांच बजे तक दुकान बंद रहनी है.
सरकारी दुकानों से भी वसूली जा रही है ज्यादा कीमत : शराब की सरकारी दुकानों से भी अधिक कीमत वसूली जा रही है. शराब के कई प्रचलित ब्रांडों के प्रिंट रेट से 30 से 60 रुपये तक अधिक लिये जा रहे हैं. दुकानों में लग रही भीड़ के कारण दुकानदार खुदरा नहीं होने की बात करते हुए भी अधिक राशि ले रहे हैं. इस बारे में पूछे जाने पर उत्पाद विभाग के अधिकारियों ने कहा कि एक अगस्त से राज्य में शराब की नयी दर लागू की गयी है. इसमें कई ब्रांड के दाम में कमी गयी है, तो कई ब्रांडों की कीमत बढ़ायी भी गयी है. दुकानों पर अभी पुराना स्टॉक उपलब्ध है. इस कारण से कई बार प्रिंट रेट से ज्यादा लिया जा रहा है. वहीं, खुदरा नहीं होने की बात करते हुए ज्यादा कीमत वसूलने से संबंधित शिकायत अभी तक विभाग के पास नहीं पहुंची थी. अब इसकी जांच करा उचित कार्रवाई की जायेगी.
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