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फिट अभ्यर्थियों को कैसे किया अनफिट,मेडिकल बोर्ड के सदस्यों पर दर्ज करें प्राथमिकी : हाइकोर्ट

रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने शुक्रवार को आरक्षी बहाली में मेडिकल जांच में अनफिट घोषित करने काे लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कड़ी टिप्पणी की. नाराजगी जताते हुए अदालत ने माैखिक रूप से राज्य सरकार से पूछा कि आरक्षी बहाली में फिट अभ्यर्थियों को कैसे अनफिट घोषित […]

रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने शुक्रवार को आरक्षी बहाली में मेडिकल जांच में अनफिट घोषित करने काे लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कड़ी टिप्पणी की. नाराजगी जताते हुए अदालत ने माैखिक रूप से राज्य सरकार से पूछा कि आरक्षी बहाली में फिट अभ्यर्थियों को कैसे अनफिट घोषित किया गया, जबकि सीआरपीएफ के मेडिकल बोर्ड ने जांच में 36 में से 30 अभ्यर्थियों को फिट घोषित किया है.

अदालत ने माैखिक रूप से कहा कि जांच रिपोर्ट को देखते हुए ऐसा प्रतीत होता है कि इस बहाली में योग्य उम्मीदवारों को वंचित कर अयोग्य उम्मीदवारों का भी चयन किया गया है. फिट अभ्यर्थियों को सरकार नियुक्त करे. साथ ही संबंधित मेडिकल बोर्ड के सदस्यों पर प्राथमिकी दर्ज करें.

अदालत के कड़े रुख को देखते हुए अपर महाधिवक्ता अजीत कुमार ने कोई आदेश दिये बिना सरकार को एक अवसर देने की प्रार्थना की. उन्होंने बताया कि इसी तरह के एक मामले में अदालत ने सरकार को एक समिति का गठन कर अनफिट घोषित अभ्यर्थियों की दोबारा मेडिकल जांच करने का आदेश दिया है. इस पर अदालत ने अपर महाधिवक्ता के आग्रह को स्वीकार करते हुए मामले की सुनवाई स्थगित कर दी. मामले की अगली सुनवाई के लिए पांच अगस्त की तिथि निर्धारित की.

उल्लेखनीय है कि प्रार्थी मिथुन कुमार व अन्य की अोर से याचिका दायर की गयी है. प्रार्थियों ने कहा है कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आरक्षी बहाली के लिए प्रारंभिक परीक्षा व मुख्य परीक्षा ली गयी थी, जिसमें वे सफल रहे. इसके बाद शारीरिक व मेडिकल जांच की गयी, लेकिन रिजल्ट जारी नहीं किया गया. पता करने पर बताया गया कि मेडिकल जांच में बोर्ड ने अनफिट किया है. बाद में रिम्स व सरकारी अस्पतालों में अभ्यर्थियों ने मेडिकल जांच करायी थी, जिसमें उन्हें फिट घोषित किया गया था. इसका प्रमाण पत्र भी अदालत में प्रस्तुत किया गया.

सात जुलाई को अदालत ने प्रार्थियों की मेडिकल जांच सीआरपीएफ के मेडिकल बोर्ड से कराने के बाद जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था. सुनवाई के दाैरान जांच रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गयी, जिसमें 36 में से 30 अभ्यर्थियों को मेडिकली फिट घोषित किया गया है.
सीबीआइ पर काम का दबाव
अदालत ने फिट अभ्यर्थियों को अनफिट घोषित करने के मामले की सीबीआइ जांच की संभावना पर भी विचार किया. सुनवाई के दाैरान सीबीआइ की अोर से अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि आर्थिक अपराधों के मामलों की जांच से सीबीआइ दबी हुई है. उन्होंने अदालत को सुझाव दिया कि सीबीआइ के सेवानिवृत्त अधिकारियों की विशेष जांच टीम बना कर आरक्षी बहाली में हुई अनियमितताअों की जांच करायी जा सकती है. सीबीआइ की दलील को देखते हुए अदालत ने राज्य सरकार को नियुक्ति की जांच कराने के लिए विशेष जांच दल बनाने के प्रस्ताव के साथ अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया.

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