रिम्स परिसर में प्रतिदिन करीब 600 से ज्यादा चारपहिया और दोपहिया वाहन खड़े किये जाते हैं. इनमें आमलोगों के अलावा करीब 200 वाहन डॉक्टरों के होते है, जबकि 250 से ज्यादा बाइक और स्कूटी मेडिकल विद्यार्थियों की होते हैं. इन्हीं को ध्यान में रखकर रिम्स प्रबंधन ने परिसर में बहुमंजिली पार्किंग का निर्माण कराया था, जिसकी क्षमता करीब 500 छोटे-बड़े वाहन खड़े करने की है. मौजूदा समय में रिम्स परिसर में अव्यवस्था का आलम है. डॉक्टरों के अलावा बाहर के लोग भी परिसर में वाहन लगा कर छोड़ देते है. वहीं, मेडिकल के विद्यार्थियों के वाहन भी रिम्स निदेशक कार्यालय के सामने लगे रहते हैं. जबकि यह निर्णय हुअा था कि डाॅक्टर और मेडिकल विद्यार्थियों अपने वाहन पार्किंग में ही लगाये जायेंगे. बाहर से आनेवाले लोगों को भी पार्किंग में ही वाहन खड़ा करना होगा. डॉक्टर, मेडिकल स्टूडेंट व कर्मचारियों से पैसा नहीं लेने का निर्णय लिया गया है. वहीं, बाहरी वाहनों से न्यूनतम पैसा लिया जाना है.
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ये हाल है: अधूरी बता कर हैंडअोवर नहीं ले रहे, लेकिन सीएम से उदघाटन करा दिया, रिम्स में 21 करोड़ की पार्किंग बेकार
रिम्स में 21 करोड़ रुपये की लागत से बनी बहुमंजिली पार्किंग तीन महीने से बेकार पड़ी है. नतीजन अब भी बड़ी संख्या में वाहन रिम्स परिसर में ही बेतरतीब तरीके से खड़े किये जा रहे हैं. रिम्स प्रबंधन का कहना है कि पार्किंग अब तक अधूरी है, इसलिए हैंडओवर नहीं लिया है. उल्लेखनीय बात यह […]
रिम्स में 21 करोड़ रुपये की लागत से बनी बहुमंजिली पार्किंग तीन महीने से बेकार पड़ी है. नतीजन अब भी बड़ी संख्या में वाहन रिम्स परिसर में ही बेतरतीब तरीके से खड़े किये जा रहे हैं. रिम्स प्रबंधन का कहना है कि पार्किंग अब तक अधूरी है, इसलिए हैंडओवर नहीं लिया है. उल्लेखनीय बात यह है कि तीन महीने पहले मुख्यमंत्री रघुवर दास से इस अधूरे भवन का उदघाटन भी कराया जा चुका है.
रांची : रिम्स परिसर में बहुमंजिली पार्किंग के निर्माण का जिम्मा भवन निर्माण विभाग को दिया गया था. पहले इसकी प्राक्लन राशि 18 करोड़ की थी, जिसे बाद में रिवाइज कर 21 करोड़ कर दिया गया. इसके बावजूद निर्माण कार्य अधूरा है. पिछले दो महीने से यहां बिजली के कनेक्शन और लाइटिंग का काम चल रहा है, जो अब तक पूरा नहीं हो पया है. वहीं, पार्किंग में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम भी नहीं किये गये हैं न ही सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं.
रिम्स परिसर में प्रतिदिन करीब 600 से ज्यादा चारपहिया और दोपहिया वाहन खड़े किये जाते हैं. इनमें आमलोगों के अलावा करीब 200 वाहन डॉक्टरों के होते है, जबकि 250 से ज्यादा बाइक और स्कूटी मेडिकल विद्यार्थियों की होते हैं. इन्हीं को ध्यान में रखकर रिम्स प्रबंधन ने परिसर में बहुमंजिली पार्किंग का निर्माण कराया था, जिसकी क्षमता करीब 500 छोटे-बड़े वाहन खड़े करने की है. मौजूदा समय में रिम्स परिसर में अव्यवस्था का आलम है. डॉक्टरों के अलावा बाहर के लोग भी परिसर में वाहन लगा कर छोड़ देते है. वहीं, मेडिकल के विद्यार्थियों के वाहन भी रिम्स निदेशक कार्यालय के सामने लगे रहते हैं. जबकि यह निर्णय हुअा था कि डाॅक्टर और मेडिकल विद्यार्थियों अपने वाहन पार्किंग में ही लगाये जायेंगे. बाहर से आनेवाले लोगों को भी पार्किंग में ही वाहन खड़ा करना होगा. डॉक्टर, मेडिकल स्टूडेंट व कर्मचारियों से पैसा नहीं लेने का निर्णय लिया गया है. वहीं, बाहरी वाहनों से न्यूनतम पैसा लिया जाना है.
संचालित हो नहीं रहा है, लेकिन नियुक्त है दो गार्ड : फिलहाल, मल्टी पार्किंग का शटर गिरा हुआ है. भवन को अभी दुरुस्त किया जा रहा है, लेकिन वहां रिम्स सुरक्षा एजेंसी के दो सुरक्षाकर्मी की ड्यूटी लगी हुई है. प्रभात खबर संवाददाता ने जब गार्ड से पूछा कि वाहन कहां लगाना, तो गार्ड ने कहा कि शटर के बाहर लगा दीजिये. अभी यहां वाहन की पार्किंग नहीं की जा रही है.
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