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एचइसी को रेलवे की तकनीक देगी रूसी कंपनी
रांची: एचइसी और रूस की कंपनी कैशकेड रेलवे ट्रैक संबंधित मशीन एवं वृहद वैक्यूम क्लीनर उपकरणों के उत्पादन के लिए काम शुरू करेंगे. उत्पादन एचइसी के एचएमबीपी में होगा. इसके लिए रूस की कंपनी कैशकेड के डीजीएम लुकियानोव एगोर एलेक्सिविच और डिजाइनर ट्रोफिनोव एलेक्जेंडर ने शुक्रवार को एचइसी का दौरा भी किया. दौरे के बाद […]
रांची: एचइसी और रूस की कंपनी कैशकेड रेलवे ट्रैक संबंधित मशीन एवं वृहद वैक्यूम क्लीनर उपकरणों के उत्पादन के लिए काम शुरू करेंगे. उत्पादन एचइसी के एचएमबीपी में होगा. इसके लिए रूस की कंपनी कैशकेड के डीजीएम लुकियानोव एगोर एलेक्सिविच और डिजाइनर ट्रोफिनोव एलेक्जेंडर ने शुक्रवार को एचइसी का दौरा भी किया.
दौरे के बाद पत्रकारों से बातचीत में लुकियानोव ने कहा कि दोनों कंपनियां पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि इससे हर वित्तीय वर्ष में 500 करोड़ रुपये का काम कर सकेंगे. एचइसी रेलवे ट्रैक संबंधित मशीन बनाने में समक्ष है. एचइसी में आधारभूत संरचना बहुत अच्छी है. पिछले दिनों कैशकेड कंपनी व एचइसी के बीच हुए एमओयू के बाद मुझे लगा कि एचइसी में 70 प्रतिशत ही उपकरण बन सकते हैं, लेकिन भ्रमण के बाद हम कह सकते हैं कि एचइसी में सौ फीसदी उपकरण बन सकते हैं. यहां सभी सुविधाएं हैं. कैशकेड एचइसी को तकनीक और डिजाइन देगी.
एशियन बाजार में बेचा जायेगा उपकरणों को
लुकियानोव ने कहा कि यहां बनने वाले उपकरणों को एशियन बाजार में बेचा जायेगा. मसलन बंगलादेश, श्रीलंका, मेयनमार आदि देशों में निर्यात किया जायेगा. वहीं, एचइसी में न्यूक्लियर वेस्ट को हटाने के लिए न्यूक्लियर पावर स्टेशन बनाया जायेगा, जहां वैक्यूम टेक्नोलॉजी से कचरे को हटाया जायेगा. वैक्यूम मशीन को 300 मीटर लंबा पाइप लगा होता है, जो तंग गलियों में भी सफाई कर सकती है. वैक्यूम मशीन को ट्रैक के अलावा सड़क की भी सफाई की जा सकती है. यह मशीन एक घंटा में 20 मीटर सड़क की सफाई करती है.
एचइसी की स्थापना में रूस की कंपनियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. रशियन लोगों के लिए एचइसी मिनी रूस है. भारत और रूस का कल्चर बहुत मिलता है. दो दिनों के प्रवास के दौरान झारखंड में बहुत अच्छा लगा. यहां तंदूरी चिकन सहित अन्य भोजन बहुत स्वादिष्ट लगे.
लुकियानोव एगोर एलेक्सिविच, डीजीएम, कैशकेड
कैशकेट कंपनी से तकनीक व डिजाइन मिलने से एचइसी की काया बदल जायेगी. भारतीय रेलवे में अभी कई महत्वपूर्ण उपकरण विदेशों से मंगाये जाते हैं. एचइसी में उपकरण करने से एशिया के कई देशों में एचइसी उपकरण का निर्यात करेगा.
अभिजीत घोष, सीएमडी, एचइसी
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