संगठन ने आदिवासी नेता, सांसद व विधायक के साथ बैठक कर विवाद की गुत्थी सुलझा लिया है. गुरुवार शाम को हुई आदिवासी नेताओं की बैठक ही महत्वपूर्ण थी़ इसमें सबकुछ तय कर लिया गया़ मुख्यमंत्री को भी बैठक में हुए फैसले से अवगत करा दिया गया है. पार्टी से लेकर सरकार तक की रणनीति है कि इस मामले में जल्द विधानसभा में बिल लाकर माइलेज लिया जाये़ सरकार विपक्ष को मौका नहीं देना चाहती है़ मुख्यमंत्री रघुवर दास अपने स्तर से भी पार्टी के अंदर संवाद कायम कर रहे है़ं वह गैर आदिवासी विधायकों से बात कर रहे थे़ सरकार ने भी जल्दबाजी में टीएसी की बैठक बुला ली़ तीन जुलाई को बैठक कर टीएसी की सहमति ले ली जायेगी़ इसके बाद नये रूप में बिल का खाका तैयार कर लिया जायेगा़ हालांकि पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुछ आदिवासी नेता इस मामले में सरकार को फूंक-फूंक कर कदम रखने की सलाह दे रहे है़ं आदिवासी नेताओं की बैठक में भी कहा गया कि सरकार को अब इस मामले में हड़बड़ी नहीं दिखानी चाहिए़ पहले गलती हो चुकी है़ इस बार सोच-समझ कर फैसला
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सरकार मॉनसून सत्र में लाना चाहती है बिल विपक्ष को कोई मौका नहीं देने की रणनीति
रांची: राज्यपाल द्वारा सीएनटी-एसपीटी विधयेक पुनर्विचार के लिए भेजने के बाद तेजी से सुधार की प्रक्रिया की ओर सरकार बढ़ रही है़ संगठन को भी इसमें जोर-शोर से लगाया गया है़ इस बार सरकार में सीएनटी-एसपीटी संशोधन के विवाद की बिंदुओं को हटाने में थोड़ा भी जिच नहीं है़ 11 जुलाई से आहूत होने वाले […]
रांची: राज्यपाल द्वारा सीएनटी-एसपीटी विधयेक पुनर्विचार के लिए भेजने के बाद तेजी से सुधार की प्रक्रिया की ओर सरकार बढ़ रही है़ संगठन को भी इसमें जोर-शोर से लगाया गया है़ इस बार सरकार में सीएनटी-एसपीटी संशोधन के विवाद की बिंदुओं को हटाने में थोड़ा भी जिच नहीं है़ 11 जुलाई से आहूत होने वाले मॉनसून सत्र में संशोधन के साथ बिल लाने की तैयारी है़ संगठन को जल्द राय सुमारी का काम पूरा करने को कहा गया है.
संगठन ने आदिवासी नेता, सांसद व विधायक के साथ बैठक कर विवाद की गुत्थी सुलझा लिया है. गुरुवार शाम को हुई आदिवासी नेताओं की बैठक ही महत्वपूर्ण थी़ इसमें सबकुछ तय कर लिया गया़ मुख्यमंत्री को भी बैठक में हुए फैसले से अवगत करा दिया गया है. पार्टी से लेकर सरकार तक की रणनीति है कि इस मामले में जल्द विधानसभा में बिल लाकर माइलेज लिया जाये़ सरकार विपक्ष को मौका नहीं देना चाहती है़ मुख्यमंत्री रघुवर दास अपने स्तर से भी पार्टी के अंदर संवाद कायम कर रहे है़ं वह गैर आदिवासी विधायकों से बात कर रहे थे़ सरकार ने भी जल्दबाजी में टीएसी की बैठक बुला ली़ तीन जुलाई को बैठक कर टीएसी की सहमति ले ली जायेगी़ इसके बाद नये रूप में बिल का खाका तैयार कर लिया जायेगा़ हालांकि पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुछ आदिवासी नेता इस मामले में सरकार को फूंक-फूंक कर कदम रखने की सलाह दे रहे है़ं आदिवासी नेताओं की बैठक में भी कहा गया कि सरकार को अब इस मामले में हड़बड़ी नहीं दिखानी चाहिए़ पहले गलती हो चुकी है़ इस बार सोच-समझ कर फैसला
लेना चाहिए़
सबके हितों का ख्याल रखा जा रहा : रामकुमार
भाजपा एसटी मोरचा के अध्यक्ष व विधायक रामकुमार पाहन ने कहा है कि सरकार सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के माध्यम से सभी के हितों का ख्याल रख रही है़ आदिवासी-मूलवासी के साथ न्याय होगा़ पार्टी के अंदर सीएनटी-एसपीटी एक्ट में जमीन की प्रकृति बदलने के प्रस्ताव को हटाने की बात हुई है़ इसमें सबकी सहमति है़ सरकार भी इससे सहमत है़ श्री पाहन ने गुरुवार को हुई बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा से किसी तरह नोक-झोंक से इंकार किया.
टीएसी की बैठक के बाद बुलायी जा सकती है भाजपा विधायक दल की बैठक : सरकार पार्टी के विधायकों की बैठक भी इस मुद्दे पर जल्द बुला सकती है़ इसमें विधायकों को संगठन और टीएसी के सुझाव व फैसले से अवगत करा दिया जायेगा़ उन सुझावों को विधायकों के समक्ष रखा जायेगा़ सीएनटी-एसपीटी में संशोधन को लेकर विधायकों से राय ली जायेगी़
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