इस आदेश के जारी होने के बाद सीनियर पुलिस अफसरों के बीच कई सवाल चर्चा में हैं. कुछ अधिकारी सवाल उठा रहे हैं कि नया आदेश जारी करने से पहले 15 माह पहले जारी अधिसूचना को रद्द नहीं किया गया है. इस कारण नयी व्यवस्था के तहत की जानेवाली कार्रवाईयों को कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है. यह सवाल भी उठ रहा है कि 15 माह पहले जिस जोनल आइजी की व्यवस्था को सरकार ने खत्म कर दिया था, उस जोनल आइजी के दायित्व कैसे बचे रह गये. जिसका इस्तेमाल अब संबंधित अधिकारी करेंगे.
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15 माह पहले जोनल आइजी पद से थी परेशानी, अब विधि-व्यवस्था सुधारेंगे
रांची: 15 महीना पहले जिस जोनल आइजी के पद से सरकार को परेशानी थी, अब उसी आइजी के लिए निर्धारित दायित्वों से विधि-व्यवस्था में सुधार आयेगी. आइजी रैंक के तीन अफसरों को रांची में ही अलग-अलग पद पर पदस्थापित करने के बाद उन्हें अलग-अलग पुलिस प्रमंडलों के जिलों की विधि-व्यवस्था, अपराध व कनीय कार्यालयों के […]
रांची: 15 महीना पहले जिस जोनल आइजी के पद से सरकार को परेशानी थी, अब उसी आइजी के लिए निर्धारित दायित्वों से विधि-व्यवस्था में सुधार आयेगी. आइजी रैंक के तीन अफसरों को रांची में ही अलग-अलग पद पर पदस्थापित करने के बाद उन्हें अलग-अलग पुलिस प्रमंडलों के जिलों की विधि-व्यवस्था, अपराध व कनीय कार्यालयों के पर्यवेक्षण का काम दिया गया है.
नौ फरवरी 2016 को खत्म हुई थी जोनल आइजी की व्यवस्था : जानकारी के मुताबिक नौ फरवरी 2016 को गृह विभाग के संयुक्त सचिव अबु इमरान के हस्ताक्षर से एक आदेश जारी किया गया था. जिसमें कहा गया था कि राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी की थी. उसके अनुसार समीक्षा में पाया गया है कि जोनल आइजी व डीआइजी की पर्यवेक्षकीय भूमिका में बहुत अंतर नहीं है. पलामू व दुमका जोनल आइजी व डीआइजी का क्षेत्र भी एक ही है. इससे कार्यों में दुहराव होता है और त्वरित निष्पादन में कठिनाई होती है. दूसरी ओर पुलिस मुख्यालय में वरीय अधिकारियों की उपलब्धता कार्यभार की तुलना में अपर्याप्त है. इसलिए राज्य सरकार द्वारा विचार के बाद जोनल आइजी की व्यवस्था को समाप्त किया जाता है. इस आदेश के बाद सभी जोन में पदस्थापित आइजी को हटा दिया गया था. साथ ही उनके कार्यालय में पदस्थापित सभी पदाधिकारियों व कर्मचारियों को भी हटा दिया गया था.
जोनल आइजी के अधिकार का इस्तेमाल करेंगे अधिकारी
11 जून को सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर मुरारीलाल मीणा को आइजी मुख्यालय और सुमन गुप्ता को आइजी रेल के पद पर पदस्थापित किया. साथ ही यह आदेश जारी किया कि मुरारीलाल मीणा अपने कार्यों के अलावा उत्तरी छोटानगपुर प्रमंडल व कोयला क्षेत्र बोकारो प्रमंडल, आइजी मानवाधिकार नवीन कुमार सिंह अपने कार्यों के अलावा चाईबासा व कोल्हान पुलिस प्रमंडल और सुमन गुप्ता अपने कार्यों के अलावा संथाल परगना प्रमंडल में पड़ने वाले जिलों में विधि-व्यवस्था, अपराध व कनीय कार्यों के पर्यवेक्षण का काम देखेंगे. तीनों अधिकारी संबंधित जोनल आइजी के निर्धारित सारे दायित्वों का भी निष्पादन करेंगे.
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