चितरपुर/गोला : चितरपुर अाैर गोला प्रखंड में विद्युत व्यवस्था काफी खराब हो गयी है. लोड शेडिंग के नाम पर आठ से 10 घंटे तक विद्युत की कटौती की जा रही है. प्रतिदिन रात में डेढ़ बजे से लेकर तीन, साढ़े तीन बजे तक बिजली काट दी जाती है.
बिजली की अनियमित आपूर्ति के कारण गोला, चितरपुर क्षेत्र के दर्जनों गांवों की बड़ी आबादी प्रभावित हो रही है. चितरपुर में सुबह साढ़ेछह से आठ बजे तक, दोपहर एक से तीन बजे तक, शाम साढ़े सात से नौ बजे तक एवं रात एक बजे से तीन बजे तक बिजली नहीं रहती है.
हो रही है बिजली कटाैती : कनीय अभियंता राजेंद्र उरांव का कहना है कि बिजली की कटौती की जा रही है. यह स्थिति सिर्फ यहां की नहीं, बल्कि पूरे झारखंड की है. ग्रामीणों का कहना है कि सिर्फ गरमी में ही विद्युत कटौती नहीं की जाती है. गोला व चितरपुर क्षेत्र में कई वर्षों से लोड शेडिंग के नाम पर बिजली काट दी जाती है.
कितने समय तक कटती है बिजली : गोला हुप्पू सब स्टेशन ने 20 अप्रैल को गोला फीडर में सात घंटा 25 मिनट, चरगी में छह घंटे, चितरपुर में चार घंटे, कमता में छह घंटे, कामेश्वर एलॉज में एक घंटे, मुरी में 10 घंटे तक की बिजली कटौती की गयी. डीवीसी द्वारा मरम्मत के नाम पर एक घंटे तक अतिरिक्त बिजली काट दी गयी. जानकारी हुप्पू के एसबी बालदेव महतो ने दी.
बच्चों की पढ़ाई होती है बाधित
चितरपुर यादव मुहल्ला निवासी अनिल दांगी का कहना है कि बिजली नहीं रहने से सबसे ज्यादा परेशानी छात्रों को होती है. शाम साढ़े सात से नौ बजे तक बिजली कटने से बच्चे पढ़ नहीं पाते हैं. तिवारी मुहल्ला निवासी मो लक्ष्मी का कहना है कि आठ से 10 घंटे ही बिजली मिलती है.
रात में डेढ़ से तीन बजे तक बिजली कटने से घर के सभी लोगों को बाहर रोड में आ कर बैठना पड़ता है. एक माह में आठ सौ से एक हजार का बिजली बिल आता है. जवाहर रोड निवासी अमित पोद्दार का कहना है कि आठ से 10 घंटे तक बिजली नहीं रहती है. केंवट मुहल्ला निवासी नेपाली का कहना है कि हमलोग समय से बिजली बिल जमा करते हैं. इसके बाद भी पूरी बिजली नहीं मिलती है.
हुप्पू में है सात फीडर
हुप्पू सब स्टेशन से सात फीडरों में बिजली सप्लाई की जाती है. गोला, मुरी एवं ग्रामीण फीडर में पांच मेगावाट, चितरपुर में 10 मेगावाट, कामता में 3.1 मेगावाट, चरगी में 11 मेगावाट एवं कामेश्वर एलॉज को तीन मेगावाट की बिजली सप्लाई होती है. अगर सभी फीडरों को एक साथ चालू कर दिया जाये, तो 42 मेगावाट बिजली की आपूर्ति होगी. झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड का दामोदर वैली कारपॉरेशन के साथ मात्र 22 मेगावाट का एग्रीमेंट किया गया है. सभी फीडरों को एक साथ चालू नहीं करके अलग-अलग समय पर विद्युत आपूर्ति की जाती है.