नीरज अमिताभ
रामगढ़ : दो युवा व्यवसायियों के प्रयास से ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. वर्ष 2004 में रोट्रैक्ट क्लब ऑफ रामगढ़ के सदस्यों ने चुट्टूपाली घाटी के नीचे चेटर पंचायत के बड़ खोखरा गांव में स्कूल खोलने का विचार किया. बड़ खोखरा महादेव टांड़ के शिव मंदिर में रोट्रैक्ट सरस्वती वाटिका विद्यालय की शुरुआत की.
ग्रामीणों से बच्चों को स्कूल भेजने का आग्रह किया. मुश्किल से कुछ बच्चे जुटे. मंदिर में गांव के दो विद्यार्थी मोनिका व नागेश्वर के सहयोग से दो क्लास की शुरुआत हुई. दो-चार महीने में स्कूल की स्थिति खराब होने लगी. तब क्लब के दो सदस्यों अरुण बगड़िया और लोकेश बगड़िया ने स्कूल चलाने का प्रयास किया. दोनों भाई स्कूल की फंडिंग भी करते थे. धीरे-धीरे बच्चों की संख्या बढ़ने लगी. आज यहां सरकारी स्कूल से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं. किराये के मकान में पांच शिक्षक कक्षा पांच तक के बच्चों को पढ़ाते हैं. लोग स्वेच्छा से प्रति माह 55 रुपये फीस देने लगे हैं.
विद्यालय में कंप्यूटर, दरी, कुर्सी उपलब्ध हैं. दोनों भाई कहते हैं कि प्रदीप कुमार सिंह जब रोटरी क्लब ऑफ रामगढ़ के अध्यक्ष थे, उन्होंने स्कूल को काफी सहायता दी थी. वर्तमान में गांव के शत्रुघ्न व धर्मदेव स्कूल की व्यवस्था में काफी सहयोग दे रहे हैं. दोनों भाइयों ने बताया कि स्कूल खोले जाने के प्रारंभिक दिनों में रामप्रसाद चंद्रभान सरस्वती शिशु विद्या मंदिर के तत्कालीन प्राचार्य ने काफी सहयोग दिया था. दोनों भाइयों का कहना है कि आज स्कूल में बच्चों को देख कर उन्हें जो खुशी मिलती है, उसका वर्णन नहीं किया जा सकता है.