मांडू : स्वास्थ्य व बाल विकास परियोजना विभाग की लचर व्यवस्था के कारण प्रखंड के गर्भवती माता व बच्चों का टीकाकरण कार्य समय पर नहीं हो रहा है. इससे गर्भवती माता व बच्चों के स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ेगा.
प्रखंड के एएनएम व आंगनबाड़ी केंद्र की पर्यवेक्षिका को ग्रामीण महिलाओं व बच्चों से कोई मतलब नहीं है. इसलिए मांडू प्रखंड के स्वास्थ्य विभाग की मासिक प्रगति प्रतिवेदन इतना कमजोर है. मुझे ऐसे काम करनेवाले लोगों की कोई जरूरत नहीं है. उक्त बातें उपायुक्त राजेश्वरी बी ने सोमवार को प्रखंड के वर्किंग हॉल में आयोजित स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक के दौरान कही.
उन्होंने कहा कि सबसे बुरी स्थिति एदला उप स्वास्थ्य केंद्र की है. जहां तीन महीना से किसी भी गर्भवती माता का पंजीयन ही नहीं किया गया है. इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि आप किस ढंग से काम कर रहे हैं. डीसी ने सख्त होते हुए कहा कि विभाग द्वारा दिये गये लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाते हैं तो स्वेच्छा से आप अपने पद का त्याग कर दें. अन्यथा काम में लापरवाही बरतनेवाले लोगों को बर्खास्त कर दिया जायेगा.
डीसी ने सभी एएनएम व महिला पर्यवेक्षिका को तीन दिनों के अंदर प्रतिरक्षण कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया. इसके बावजूद अगर कोई गर्भवती माता व बच्चों का टीकाकरण कार्य छूटता है तो संबंधित एएनएम व पर्यवेक्षिका को हमेशा के लिए पद मुक्त कर दिया जायेगा. उन्होंने लोगों से स्पष्ट कहा कि काम करना है तो ढंग से करें, केवल खानापूर्ति नहीं चलेगी.
मौके पर सीएस नीलम चौधरी, डीएस डॉ अवधेश कुमार, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ केएन प्रसाद, सीओ राकेश कुमार श्रीवास्तव, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अशोक राम, सीडीपीओ आरती कुमारी, डीपीएम देवेंद्र प्रसाद, उदय शरण गुप्ता समेत कई पदाधिकारी मौजूद थे.