मेदिनीनगर. सोमवार को आनंद मार्ग के संस्थापक श्रीश्री आनंद मूर्ति जी का 104वां जन्मोत्सव हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया. इस अवसर पर शहर के नयी मुहल्ला स्थित जागृति केंद्र में विशेष पूजा अनुष्ठान का आयोजन हुआ. सुबह में भजन- कीर्तन व सामूहिक साधना के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई. इसके बाद आनंदमार्गियों ने शोभायात्रा निकाली. इसके माध्यम से श्रीश्री आनंद मूर्ति जी के संदेशों को आमजनों तक पहुंचाने का प्रयास किया गया. जागृति केंद्र परिसर से निकली शोभायात्रा स्टेशन रोड, आरसी चर्च रोड, शहीद चौक, महात्मा गांधी मार्ग, छहमुहान, सुभाष चौक, नावाटोली चौक, बेलवाटिका चौक होते हुए वापस हुआ. इसमें शामिल आनंद मार्गी श्रीश्री आनंद मूर्ति जी के संदेश (मानव- मानव एक है, मानव का धर्म एक है) का उद्घोष कर रहे थे. शोभायात्रा के समापन के बाद जागृति केंद्र परिसर में कौशिकी नृत्य व तांडव नृत्य प्रतियोगिता हुआ जो आकर्षण का केंद्र रहा. छोटे बच्चों के लिए पेटिंग, क्विज व अन्य प्रतियोगिता आयोजित की गयी. कार्यक्रम के दौरान आनंद मूर्ति जी के आनंद वाणी का विभिन्न भाषाओं में वाचन किया गया. इस दौरान उनकी भावपूर्ण वाणी में कहा गया कि उनकी कृपा का एक कण समझ पाने पर जीव मानस की सारी ग्लानि क्षण भर में दूर हो जाती है, तब भी मनुष्य उनकी कृपा को समझने की चेष्टा नहीं करता. उनकी इस कृपा को समझने का नाम ही साधना है. यदि तुम साधना नही करते, तो दोष तुम्हारा ही है. अपने सुख-दुख के लिए उस करुणा सिंधु परमब्रह्म को दोष मत दो. जन्मोत्सव के अवसर पर भंडारा का आयोजन हुआ और श्रद्धालुओं व आमजनों के बीच महाप्रसाद वितरित किया गया. मौके पर भुक्ति प्रधान, मधेश्वर देव, विश्वनाथ, वैजनाथ, गोपाल, अखिलेश, सरोज, रामस्वरूप, मणिकांत, दीपक, अरविंद, प्रदीप, सहज प्रिया, मधुबाला, पूनम, शारदा, रेणु सहित कई श्रद्धालु शामिल थे.
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