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पलामू में होगी तिलहन के स्टोरेज की व्यवस्था, लगेगा प्रोसेसिंग प्लांट : कृषि मंत्री

शिवाजी मैदान में बुधवार को प्रमंडल स्तरीय किसान मेला सह उद्यान मेला का आयोजन किया गया.

मेदिनीनगर. शिवाजी मैदान में बुधवार को प्रमंडल स्तरीय किसान मेला सह उद्यान मेला का आयोजन किया गया. मुख्य अतिथि राज्य के कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की, वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर, मनिका विधायक रामचंद्र सिंह, पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी, जिप अध्यक्ष प्रतिमा देवी, उपाध्यक्ष आलोक कुमार सिंह, डीडीसी शब्बीर अहमद सहित कृषि विभाग अधिकारियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर मेला का उद्घाटन किया. मौके पर कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि पलामू में तिलहन की फसल काफी अच्छी होती है. लेकिन इसके लिए स्टोरेज की व्यवस्था नहीं है. कृषि विभाग स्टोरेज की व्यवस्था की जायेगी. तिलहन का प्रोसेसिंग प्लांट भी लगाया जायेगा, ताकि यहां के किसानों को फायदा मिल सके. मंत्री ने कहा कि इससे सबसे ज्यादा फायदा महिलाओं को मिलेगा. किसानों को खेती मजदूरी के रूप में नहीं, बल्कि व्यवसायिक रूप में करनी चाहिए. कहा कि पुरानी विधि से खेती करने से एक एकड़ खेत में धान लगाकर मात्र 25 हजार कमा पा रहे हैं. लेकिन जो किसान एक एकड़ खेत में तरबूज, स्ट्रॉबेरी जैसे अन्य सब्जी व फल की खेती कर रहे हैं. वे साल में तीन से चार लाख रुपया कमा रहे हैं. सामूहिकता में रह कर काम करना चाहिए, तभी फायदा होगा. मंत्री ने कहा कि जितने भी वीएलडब्ल्यू हैं. उनकी सेवा कृषि विभाग में लायी जायेगी, ताकि किसानों का काम हो सके. फिलहाल वीएलडब्ल्यू से कृषि का कार्य छोड़ कर सभी तरह के कार्य लिये जा रहे हैं. जिससे किसानों का काम नहीं हो पा रहा है. पशुपालन विभाग में बहुत जल्द विभाग जांच कमेटी बना कर जांच करवायेगी. देखेगी की प्रत्येक वर्ष एक ही किसान को लाभ कैसे मिल रहा है. कहा कि विभाग चाहता है कि प्रत्येक वर्ष अलग-अलग लाभुकों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए. सरकार जनहित में कार्य कर रही है. मेला का उद्देश्य है कि किसानों को योजना की जानकारी मिल सके. तभी वे योजना का लाभ उठा सकते हैं. उन्होंने कहा कि जितने भी राज्य में जोनल रिसर्च सेंटर वह कृषि विज्ञान केंद्र हैं. उन्हें निर्देश दिया गया है कि किसानों को प्रशिक्षित करें. तभी किसानों का विकास हो सकता है. मेले में करीब 30 स्टॉल लगाये गये थे. किसानों को पशु, पंपसेट सहित अन्य सामान बांटे गये. मौके पर तीनों जिला के कृषि पदाधिकारी, संयुक्त कृषि निदेशक सहित पलामू, गढ़वा, लातेहार के एटीएम, बीटीएम व किसान उपस्थित थे.

वर्षा के जल को बचाना जरूरी, तभी भूगर्भीय जल बढ़ सकता हैः वित्त मंत्री

वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि वर्षा के जल को बचाना जरूरी है. तभी भूगर्भीय जल बढ़ सकता है. कहा कि राजस्थान जैसे राज्यों में 400 मिमी मीटर वर्षा होती है. पलामू जैसी जगह में 800 मिमी भी वर्षा होती है. तो उसे बचाना जरूरी है. उन्होंने कहा कि वे परिणाम में विश्वास करते हैं. वर्ष 1980 से पलामू के सुखाड़ को देखा हूं. किसान की परेशानियां को देखा है. यहां से मेरा आत्मीय लगाव है. ग्रामीण पूरी तरह कृषि व्यवस्था पर आधारित है. इसलिए कृषि कार्य पर पूरा ध्यान देना होगा. उन्होंने कहा कि जल संसाधन व कृषि विभाग को मिला कर एक विभाग बनाना चाहिए. क्योंकि कृषि वर्षा पर आधारित है. उन्होंने कहा कि पिछले 40 वर्षों में कभी वर्षा कम हुई, तो कभी अच्छी वर्षा हुई. यहां कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना होनी चाहिए. ताकि कृषि के क्षेत्र में रिसर्च हो सके. उन्होंने कहा कि यहां कृषि योग्य एक लाख 96 हजार 453 हेक्टेयर भूमि है. लेकिन मात्र एक लाख 12 हजार हैक्टेयर में खेती होती है. यदि बाकी बचे 84 हजार हेक्टेयर को कृषि योग्य भूमि बना दिया जाये. तो किसानों की स्थिति में काफी सुधार होगी. मंत्री ने कहा कि दूध की प्रति व्यक्ति खपत राष्ट्रीय औसत 450 मिली है. पलामू में मात्र डेढ़ सौ मिलीलीटर है.

जिला पशुपालन पदाधिकारी से नाराज हुए वित्त मंत्री

वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर जिला पशुपालन पदाधिकारी प्रभाकर सिन्हा पर काफी नाराज हुए. उन्होंने मंच पर बुलाकर पूछा कि आप से डेटा मांगा गया था. पशुपालन पदाधिकारी ने वित्त मंत्री को डेटा दिखाया. मंत्री ने कहा कि आपने मात्र 30 प्रतिशत काम किया है. पशु शहर के इर्द-गिर्द रहनेवाले को देते हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि यदि पलामू रास नहीं आ रहा है. तो यहां से विदा ले लीजिए. यदि परफॉर्मेंस खराब है, तो पलामू छोड़ दीजिए. उन्होंने मंच पर सभी के सामने जिला पशुपालन प्राधिकारी प्रभाकर सिन्हा से हाथ जोड़ कर कहा कि आप पलामू छोड़ दीजिए. आपसे काम नहीं हो पा रहा है.

खेती को आगे बढ़ाना होगाः विधायक

मनिका विधायक रामचंद्र सिंह ने कहा कि यदि किसानों का विकास करना है, तो खेती को आगे बढ़ाना होगा. इसमें अंतिम व्यक्ति से लेकर ऊपर तक के व्यक्ति को लाभ होता है. खेती ही मुख्य रूप से जीविका का साधन है. उन्होंने कृषि मंत्री से मांग की कि लातेहार में पीटीआर के कारण वहां जल से संबंधित कोई बड़ी योजना नहीं ली जा रही है. उन्होंने कहा कि इस पर ध्यान देना चाहिए. ताकि यहां के किसानों को फायदा हो सके. यहां के किसानों को पैकेज देकर सोलर पंप व डीप बोरिंग की व्यवस्था करनी चाहिए. ताकि किसान अपनी खेती सही ढंग से कर सके.

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