चैनपुर. प्रखंड क्षेत्र की महुगावां पंचायत में वित्तीय वर्ष 2021-22, 2022-23 एवं 2023-24 में 14 किसानों के खेत में लगायी गयी आम बागवानी का अब नामोनिशान नहीं है. बागान खाली पडा हुआ है और खेत में दूसरी फसल उगायी जा रही है. इस योजना में किसानों को मजदूरी और मेटेरियल के एवज में करीब चार लाख 38 हजार रुपये भुगतान किया गया था. जानकारी के अनुसार विनीता पांडेय को 95,069 रुपये,,सविता पांडेय को 92,601, विफन चौरसिया को 34,882 ,संगीता देवी को 21,817 रुपये, प्रभावती देव को 38,656, उदय यादव को 34,246, रमेश पांडेय को 25,755, अभिषेक कुमार को 20,400, सूर्यमुखी कुंवर को 14,280, अजय प्रसाद को 14,280, अनुज कुमार चौरसिया को 17,340, जियोरधन भुइयां को 16,045, तेतर भुईयां को 9,945, पनवसिया देवी 3060 रुपये का भुगतान मजदूरी और मेटेरियल के लिए विभाग के द्वारा भुगतान किया गया था. सभी किसानों के एक-एक एकड़ में बागवानी की गयी थी. स्थानीय लोगों ने बताया कि सरकार द्वारा किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई जनोपयोगी तथा कल्याणकारी योजनाएं चलायी जा रही है. जिसमें किसानों की आय बढ़ाने तथा गांव को हरा-भरा करने के उद्देश्य से मनरेगा के तहत बिरसा मुंडा हरित ग्राम आम बागवानी योजना चलायी जा रही है. जिसके तहत किसानों के कम से कम एक एकड खेत में आम का बागवानी लगायी जाती है. जिसके मजदूरी एवं मेटेरियल का भुगतान मनरेगा के द्वारा किया जाता है. अगर आम का कोई पौधा सूख जाता है, तो वहां पुनः दूसरा पौधा लगाने का भी प्रावधान है.
क्या कहते हैं किसान
किसान विफन चौरसिया ने बताया कि पंचायत की मुखिया तथा विभाग के उदासीन रवैये के कारण बागवानी के लगे पौधे मर गये. वहीं अभिषेक कुमार ने बताया कि विभाग के उदासीन रवैये के कारण तथा खेतों में पानी उपलब्ध नहीं रहने के कारण सभी पौधे मर गये. मुखिया प्रतिनिधि दिलीप पासवान ने कहा कि हमारी पंचायत में किसानों के खेत में आम बागवानी के तहत लगा पौधे मर चुके हैं. किसी किसान या मनरेगा कर्मी ने इस पर उचित रख-रखाव नहीं किया, जिससे सारे पौधे सूख गये.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है