अमर शहीद श्रद्धांजलि मंच का सवाल : क्या शहीदों का सम्मान करना अपराध है?
मेदिनीनगर : थाना रोड में स्थित अांबेडकर पार्क में बनी शहीद बेदी को लेकर शुक्रवार को फिर से विवाद शुरू हो गया है. लोगों का कहना है कि सीओ और पुलिस बल के समय पर नहीं आने पर स्थिति बिगड़ सकती थी. अांबेडकर जयंती के अवसर पर पार्क में अनुसूचित जाति, जनजाति कर्मचारी संघ द्वारा आयोजित विचार गोष्ठी चल रही थी. गोष्ठी में पलामू के सांसद वीडी राम, विधायक आलोक चौरसिया, भाजपा के प्रदेश मंत्री मनोज सिंह शामिल थे.
इसी दाैरान वहां कुछ युवक पहुंचे. उनलोगों का कहना था कि अांबेडकर पार्क में शहीद बेदी का निर्माण करा कर कब्जा का प्रयास किया जा रहा है. उन लोगों ने इसकी शिकायत सांसद से की. उन्होंने कहा कि जहां तक शहीदों की बात है, तो उनका सम्मान करना सभी देशवासियों का फर्ज है. शहीद बेदी का निर्माण नियम के तहत हुआ है या नहीं, यह जांच का विषय है.
यदि गलत तरीके से निर्माण हुआ होगा, तो उसे प्रक्रिया के तहत ही हटाया जायेगा. कोई भी काम प्रक्रिया के तहत ही होता है. विरोध करने वाले लोगों का कहना था कि वे लोग शहीद का विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन शहीद के नाम पर राजनीति कर जिस तरह पार्क को हथियाने का प्रयास किया जा रहा है, उसका विरोध किया जायेगा. बेदी को वहां से हटाना चाहिए. सांसद के बयान से विरोध करने वाले लोग संतुष्ट नहीं थे. उनलोगों ने बेदी के पास पहुंच कर उसे तोड़ने लगे. वहां से सांसद और विधायक उठ कर चले गये. शहीद बेदी को लेकर उठे विवाद के कारण लगभग 45 मिनट तक गोष्ठी का कार्यक्रम बाधित रहा.
सूचना पाकर सदर अंचल पदाधिकारी शिवशंकर पांडेय पुलिस बल के साथ वहां पहुंचे. उन्होंने शहीद बेदी को क्षतिग्रस्त कर रहे लोगों को वहां से हटाया. सीओ ने कहा कि मामले की जांच होगी. 15 दिनों के अंदर इस मामले का निपटारा कर दिया जायेगा. घटना की निंदा की गयी : अनुसूचित जाति जनजाति कर्मचारी संघ के अध्यक्ष नंदकुमार पासवान ने कहा कि आंबेडकर जयंती के दौरान अांबेडकर पार्क में जो कुछ हुआ, उसकी निंदनीय है. अध्यक्ष श्री पासवान ने कहा कि आज जयंती कार्यक्रम था. यदि किसी विषय को लेकर कोई विवाद ही था, उसे सुलझा लेना चाहिए था.
नियम के विरुद्ध काम नहीं किया गया है : मंच
अमर शहीद श्रद्धांजलि मंच के संयोजक मनोज कुमार गुप्ता ने कहा कि मंच द्वारा नियम के विरुद्ध काम नहीं किया गया है. मंच की मंशा पार्क पर कब्जा करने की नहीं है. डॉ भीमराव अांबेडकर के प्रति उनलोगों के मन में भी श्रद्धा है. वह एक व्यक्ति नहीं थे, बल्कि विचार थे. उनके विचारों का सम्मान पूरा देश करता है. यदि अांबेडकर पार्क के किनारे शहीदों के नाम दीया जलाने के लिए एक जगह निर्धारित किया गया है, तो कौन सा बड़ा अपराध हो गया. प्रत्येक रविवार को जब दीप जलाया जाता है, तो सबसे पहले संविधान निर्माता डॉ भीम राव अांबेडकर की प्रतिमा के समक्ष ही दीया जलता है.